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बिहार में है पूर्ण शराबबंदी, लेकिन राज्‍य के इस जिले में रोज छलकता है जाम

सुपौल में मयखाने में नहीं सही लेकिन रोज छलकती जाम। इलाके में शराब की बड़े पैमाने पर आवक और पुलिस की उपलब्धि यह बताने के लिए काफी है कि आज भी किस हिसाब से शराब की खपत। जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 05:44 PM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 05:44 PM (IST)
बिहार में है पूर्ण शराबबंदी, लेकिन राज्‍य के इस जिले में रोज छलकता है जाम
सुपौल में लगातार हो रही शराब की तस्‍करी।

जागरण संवाददाता, सुपौल। सूबे में पूर्ण शराबबंदी है इसीलिए मयखाने का सवाल कहां उठता है लेकिन सच है कि कद्रदानों की महफिल में रोज छलकती है जाम। इलाके में शराब की बड़े पैमाने पर आवक और पुलिस अथवा मद्य निषेध विभाग की उपलब्धि यह बताने के लिए काफी है कि आज भी किस हिसाब से शराब की खपत है और उसकी निर्बाध आपूर्ति हो रही है। पर्व त्योहारों पर पूर्व की तरह आज भी अधिक खपत है। वैसे भी जब-जब पुलिस काफी सख्त हो जाती है अथवा कोई अभियान शुरू किया जाता है तो उनकी उपलब्धियों के आंकड़े काफी बढ़ जाते हैं।

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अलग-अलग नेटवर्क से चल रहा बड़ा कारोबार

अब ये एक बड़े कारोबार के रूप में अलग-अलग नेटवर्क के तहत चल रहा है। बड़ी एजेंसियों के रूप में जिसे भले ही कोई व्यापारिक मान्यता न हो यह कारोबार फल-फूल रहा है। जैसे किसी प्रोडक्ट के लिए सीएनएफ, एजेंसी, थोक विक्रेता, खुदरा विक्रेता होता है उसी तर्ज पर इसका कारोबार भी फल फूल रहा है। शराब चूकि अन्य प्रदेश से मंगाई जाती है इसीलिए वह एक दो बोतलों में न आकर ट्रक अथवा किसी बड़ी गाड़ी से लाई जाती है। ऐसी गाडिय़ां कई बार पुलिस द्वारा पकड़ी जा चुकी है।

वास्तविकता है कि इसमें काफी अधिक पूंजी की आवश्यकता होती है और रिस्क भी होता है। माल की आपूर्ति थोक विक्रेताओं के बीच किया जाता है। थोक विक्रेता के पास इलाका वाइज अपने खुदरा विक्रेता होते हैं जिसकी मांग पर उसे आपूर्ति कर दी जाती है। इन विक्रेताओं के पास डिलेवरी ब्वाय काम करता है। ग्राहकों की डिमांड पर उनकी बताई जगहों पर डिलेवरी दे दी जाती है। सबके अपने ग्राहक हैं और अपना-अपना कंटैक्ट। लेकिन ये पूरा सिस्टम भरोसे पर चल रहा है।

आनलाइन भुगतान पर है होम डिलेवरी

वैसे तो हर व्यवसाय में साख का अपना महत्व है। इस धंधे में भी साख चलती है। जिनकी साख है उनका तो डिलेवरी प्वाइंट पर भी भुगतान होता है या फिर बड़ा हिसाब किताब है। लेकिन जिनकी साख नहीं है उन्हें नगद भुगतान का सहारा लेना पड़ता है। अब बदलते जमाने में आनलाइन भुगतान की भी सुविधा उपलब्ध है। कारोबारी के खाते में आनलाइन भुगतान जाने के बाद उन्हें उनके मंगाए जगह पर शराब उपलब्ध करा दी जाती है।

महिलाओं और बच्चों द्वारा दी जाती है अधिकांश डिलेवरी

शराब की डिलेवरी ग्राहकों तक देनी होती है इसीलिए इसमें कारोबारी काफी सतर्कता बरतते हैं। अमूमन महिलाएं और बच्चे ही इस कार्य में लगाए जाते हैं। इन्हें मूल रूप से कुरियर कहा जाता है। चूकि इनपर आमलोगों को संदेह नहीं होता इसलिए ये सुरक्षित माने जाते हैं। इसके लिए ट्रिप अथवा डिलेवरी के हिसाब से ही पैसे दिए जाते हैं। इन्हें अपने ग्राहकों की पूरी पहचान होती है। कौन सा ब्रांड चाहिए और अभी कौन-कौन सा ब्रांड उपलब्ध है ये बातें कोड वर्ड में कर ली जाती है।


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