Women's Day : जिले में अफसरों की लंबी फौज लेकिन गिनती भर हैं महिला पदाधिकारी
महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कम से कम एक तिहाई पदों पर पदस्थापन होना चाहिए। सरकार भी इस दिशा में उदासीन हैं।
भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]। भागलपुर जिले में महिला पदाधिकारियों का अभाव है। सिर्फ कागज पर ही हमलोग महिला सशक्तीकरण कह रहे हैं। महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कम से कम एक तिहाई पदों पर पदस्थापन होना चाहिए। सरकार भी इस दिशा में उदासीन हैं। वहीं, पंचायत और नगर निकायों में आरक्षित पदों के अलावा सामान्य पदों पर भी महिलाएं जीत कर आईं हैं। जिले में अफसरों की लंबी फौज है लेकिन इसमें महिला पदाधिकारी गिनती की हैं।
जिला मुख्यालय में आईसीडीएस डीपीओ अर्चना कुमारी, सदर में कार्यपालक दंडाधिकारी नमिता कुमारी और उप निर्वाचन पदाधिकारी श्वेता कुमारी ही महिला पदाधिकारी हैं। हालांकि नमिता कुमारी ने अभी योगदान ही दिया है। जबकि आइटी मैनेजर के पद पर पुनम कुमारी यहां लंबे समय से कार्यरत हैं।
हाल ही में प्रमंडलीय आयुक्त के पद पर वंदना किनी के आने से सरकारी महकमे में महिला का एक पद पर बढ़ा है। मुख्यालय में अनुमंडल लोक शिकायत निवारण के पद पर सुधा गुप्ता थीं। हाल ही में इनका तबादला मुंगेर हो गया। इनके जाने के बाद यहां महिला पदाधिकारी नहीं मिली, जबकि जिला से डेढ़ दर्जन पदाधिकारियों की मांग की गई थी। मेयर की कुर्सी पर सीमा साहा विराजमान हैं जबकि बिहपुर विधायक की वर्षा रानी हैं। जिला परिषद् में उपाध्यक्ष के पद पर आरती कुमारी हैं। नगर निगम और जिला परिषद में आधे से अधिक जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं।
महिलाओं का पदस्थापन एक नजर में
-बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के 17 पदों में दो पद रिक्त।
-महिला पर्यवेक्षिका के पद 115, 54 खाली पद खाली
-सेविका के 3073 पद के विरुद्ध 327 पद रिक्त, सहायिका के 2947 पद के विरुद्ध 422 रिक्त।
-प्रखंड विकास पदाधिकारी के 16 पदों में तीन पद पर महिला
-अंचल अधिकारी के 16 पद पर एक भी महिला नहीं
-सहायक कोषागार पदाधिकारी के पद पर एक महिला पदाधिकारी
-आईटी मैनेजर के पद पर पूनम कुमारी हैं।
राजनीतिक दलों ने भी की उपेक्षा
भागलपुर जिले में भाजपा, राजद, जदयू, कांग्रेस, लोजपा और रालोसपा में जिला अध्यक्ष के पद पर महिला नेत्री नहीं हैं। राजनीतिक दलों ने अपनी कार्यकारिणी में महिलाओं को स्थान दिया है लेकिन शीर्ष पदों पर स्थान नहीं दिया है।
प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने कहा कि महिलाओं को हिम्मत से काम करना चाहिए। शिक्षा हासिल कर बेहतर जीवन जीने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें अपनी शक्ति को पहचानना चाहिए। आर्थिक दृष्टि से भी उनको सबल बनाने के कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं जिसका लाभ लेना चाहिए।