भागलपुर जंक्शन : सफाईकर्मियों की संख्या आधी, 15 मई से एजेंसी से छीन ली गई है काम
कुछ वर्षों से स्टेशन की सफाई का काम एजेंसी के पास थी। एजेंसी 70 कर्मियों के साथ मैकेनाइज्ड तरीके से सफाई का काम कर रही थी। 14 मई को करार समाप्त होने के बाद रेलवे सफाई करवा रही है।
भागलपुर [जेएनएन]। सफाईकर्मियों की संख्या कम होने से जंक्शन की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। पांच दिन पहले जहां जंक्शन, रेलवे कॉलोनी, रेलवे यार्ड और दफ्तरों की सफाई में जहां 70 कर्मी लगे रहते थे, वहीं अब यह संख्या आधा हो गया है। इस कारण सफाई सही तरीके से नहीं हो रही है। निजी एजेंसी जहां मशीन से मैकेनाइज्ड तरीके से सफाई करती थी। जबकि रेलवे मैनुअल से काम चला रहा है। ऐसे में प्लेटफॉर्म, रेलवे ट्रैकों की सफाई सही तरीके से नहीं हो रही है।
दरअसल, कुछ वर्षों से स्टेशन की सफाई का काम एजेंसी के पास थी। एजेंसी 70 कर्मियों के साथ मैकेनाइज्ड तरीके से सफाई का काम कर रही थी। 14 मई को करार समाप्त होने के बाद रेलवे खुद ही सफाई करवा रही है। रविवार से लगातार मंगलवार की सुबह 10 बजे रेलवे के सफाई कर्मी प्लेटफॉर्म पर सफाई करते दिखे। वहीं, शाम में सफाई कर्मी स्टेशन पर नहीं दिखे। इस कारण जहां-तहां गंदगी फैली हुई थी।
35 कर्मियों के कंधे पर सफाई की बागडोर
अभी रेलवे महज 35 कर्मियों के साथ सफाई का काम करवा रही है। इन्हीं पर तीन शिफ्ट में काम करने की जिम्मेदारी है। जबकि कल तक एजेंसी सफाई का काम 70 कर्मियों से ले रहा था।
एक शिफ्ट में 20 की जगह 10 मेन पावर
स्टेशन की सफाई तीन शिफ्ट में होना है। सफाई की जिम्मेदारी जब एजेंसी के पास थी तो 70 कर्मी होने के कारण एक शिफ्ट में 20 कर्मी काम करते थे। रेलवे के पास 35 मेन पावर होने के कारण एक शिफ्ट में 10 कर्मी ही सफाई कर रहे हैं। कर्मियों की संख्या कम होने से सफाई व्यवस्था बेहतर कैसे होगी।
दूसरे स्टेशनों से आएंगे सफाई कर्मी
सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए रेलवे दूसरे स्टेशनों से सफाई कर्मियों को लाने पर विचार कर रही है। अधिकारियों की मानें तो मालदा, साहिबगंज, जमालपुर, कहलगांव स्टेशनों से सफाई कर्मी लाकर कमी की भरपाई की जाएगी।
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