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मुंगेर के असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बेहाल, बिन डॉक्टर ही गर्भवतियों की कराई जा रही डिलीवरी

बिहार में एक तरफ जहां बेरोजगारी की समस्या है तो दूसरी तरफ स्वास्थ्य व्यवस्था भी ठीक नहीं है। डॉक्टरों की कमी से अस्पताल जूझ रहे हैं। ऐसे में सरकार इस दिशा में ध्यान नहीं दे रही है। मामला मुंगेर के असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है जहां...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 12 Jul 2021 09:00 PM (IST)Updated: Mon, 12 Jul 2021 09:00 PM (IST)
मुंगेर के असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के हाल बेहाल, बिन डॉक्टर ही गर्भवतियों की कराई जा रही डिलीवरी
मुंगेर के असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टरों का घोर अभाव।

मनोज कुमार, असरगंज (मुंगेर)। जिले के असरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संग्रामपुर का हाल बेहाल है। इस स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं और संसाधनों की कमी के साथ-साथ चिकित्सकों का भी टोटा है। यहां विशेषज्ञ चिकित्सक और महिला चिकित्सकों की कमी है। इस कारण मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर प्रसव पीड़तों को। महिला चिकित्सक के नहीं रहने से आशा और एएनएम प्रसव करातीं है।

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हर दिन औसतन दो से तीन महिलाओं का प्रसव होता है। महिला डॉक्टर के नहीं रहने से प्रसव पीडि़तों के लिए हमेशा खतरा बना रहता है। कई बार महिला चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन अभी तक तैनाती नहीं की गई है। तीन वर्ष से बिना महिला चिकित्सक के ही स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है। स्त्री रोग संबंधित इलाज कराने के लिए महिलाओं को मुंगेर या भागलपुर रेफर किया जाता है।

  • -12 में छह डाक्टर हैं स्वास्थ्य केंद्र में
  • -03 वर्ष से महिला चिकित्सक का पद खाली
  • -02 से तीन प्रसव होता है हर दिन
  • -06 माह से गिरा है केंद्र का चहारदीवारी

चिकित्सक नहीं, भगवान भरोसे मरीज

महिला चिकित्सक तीन वर्ष पहले ट्रांसफर कराकर चलीं गई। इसके बाद से महिला चिकित्सक नहीं आई हैं। अस्पताल में मुख्य चिकित्सक डॉ. ललन कुमार सहित चार अन्य चिकित्सक पदस्थापित हैं। सात चिकित्सकों के पद कई वर्ष से खाली पड़े हैं। पीएचसी का भवन काफी जर्जर है। किसी भी समय गिरने का खतरा बना रहता है। छह माह से पीएचसी का चहारदीवारी टूटकर गिरा हुआ है। ऐसे में पशु भी अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हैं। अस्पताल पशुओं का चारागाह बन गया है।

मरीजों के कमरे में चल रहा निबंधन कक्ष

इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचे पप्पु कुमार, कैलाश, आनंद कुमार, बबिता, सोनल, कमली देवी सहित दर्जनों मरीजों ने कहा कि पीएचसी में गंदगी जहां तहां फैला रहती हैं। डीडीटी का छिड़काव नहीं होता है। स्वास्थ्य सेवा की अनदेखी की जा रही है। समुचित दवा तक मुहैया नहीं कराया जाती हैं।मरीजों के ठहरने के लिए पूर्व विधायक स्व. मेवालाल चौधरी ने कमरा का निर्माण कराया गया था, उसमें अभी अस्पताल का कंप्यूटर कक्ष संचालित किया जाता है।

एक्स-रे सुविधा भी बंद, बाहर जा रहे मरीज

दो साल से एक्स-रे बंद है, जिससे मरीज को अधिक पैसा खर्च करना पड़ता है। बाहर से एक्स-रे कराना पड़ता है। पीएचसी में आसपास के इलाके सहित 75 गांवों का स्वास्थ्य सेवाएं निर्भर है। एंबुलेंस खराब पड़ा हुआ है। एम्बुलेंस के अभाव में मरीजों को जान गंवानी पड़ता है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. ललन कुमार ने बताया कि यहां समस्या से सिविल सर्जन को आवेदन देकर अवगत करा दिया गया है। जल्द ही समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया है। 20 हजार लोगों को कोरोना का टीका लगाया गया है।


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