शहरनामा : चेहरा वहीं पर आयोजन कोई भी हो...
भले ही आयोजन में सभी अपना चेहरा दिखा दें लेकिन पर्दे के पीछे आज भी दिल मिले नहीं है। नतीजा, सबके सामने है। सभी अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं।
भागलपुर (जेएनएन)। खुद को सांगठनिक रूप से मजबूत कहने वाली एक पार्टी है। हाल के दिनों में पार्टी और उससे जुड़े संगठनों की ओर से कई आयोजन हुए। दावा हुआ कि नए लोग जुटेंगे। नए तो नहीं जुटे बल्कि कुछ पुराने कम जरूर हो गए। अभी एक सभा के लिए कई दिनों से कुछ नए और पुराने वाले नेता और नेताइन जी बैठक पर बैठक कर रहे थे। खबरची भाई भी उनकी गतिविधियों को ताबड़तोड़ सुर्खियां बना रहे थे। एकबारगी लगा शहर में तिल रखने की जगह भी नहीं मिलेगी।
इधर, माहौल को देखते हुए बेचारे खाकी वाले भी रतजगा किए रहे। सुबह आंख खुली तो पता चला वहीं चेहरे जो बैठक पर बैठक पर कर रहे थे। वहीं आयोजन में पहुंचे थे। बाकी दुकान खाली। इससे तो यह समझा जा सकता है, आयोजन तो बस बहाना है, अपनी दुकान चलाना है। सो, चल गई। खैर, पहले से शहर में नेता दो गुटों में बंटे थे।
भले ही आयोजन में सभी अपना चेहरा दिखा दें लेकिन पर्दे के पीछे आज भी दिल मिले नहीं है। नतीजा, सबके सामने है। सभी अपनी डफली अपना राग अलाप रहे हैं। संगठन के बड़े साहबों को बस इतना पता चल जाए कि भैया भी जी जान से जुटे थे और भइया की दुकान चौकस हो जाए।