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रामजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर से राम, सीता, लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी, कीमत लाखों में Purnia news

पूर्णिया में राम जानकी ठाकुरबाड़ी में राम सीता और लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी हो गई। रामजानकी गोलुक सिंह ठाकुरबाड़ी न्‍यास परिषद के अनुसार इसकी कीमत लाखों में है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 10:57 AM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 10:57 AM (IST)
रामजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर से राम, सीता, लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी, कीमत लाखों में Purnia news
रामजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर से राम, सीता, लक्ष्मण की मूर्तियों की चोरी, कीमत लाखों में Purnia news

पूर्णिया, जेएनएन। पूर्णिया जिले के एक ठाकुरबाड़ी से चोरों ने भगवान की तीन मूर्तियों की चोरी कर ली। सभी मूर्तियां अष्टधातु की थी। इसकी कीमत लाखों रुपये हैं। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची। पुलिस मंदिर परिसर और आसपास के जगहों की जांच कर रही है। श्वान दस्ता को भी जांच में लगाया गया है। पुलिस सीसीटीवी को देखकर मामले की जांच में जुटी हुई है।

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जानकारी के अनुसार स्थानीय सहायक खजांची थाना क्षेत्र स्थित रामजानकी ठाकुरबाड़ी मंदिर से बुधवार की रात को चोरों ने अष्टधातु की तीन बेशकीमती मूर्तियांं चुरा लीं। इन मूर्तियों में भगवान राम, माता सीता एवं लक्षमण की प्रतिमाएं शामिल हैं। इनकी कीमत लाखों मे बताई जा रही है। इसकी सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय श्रद्धालु मंंदिर के पास जुट कर चोरों को गिरफ्तार करने व मूर्तियों की बरामदगी की मांग करने लगे। घटना की जानकारी मिलते ही एसपी विशाल शर्मा ने घटना स्थल पर पहुंचकर मामले का जायजा लिया। चोरों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्ते की भी मदद ली गई लेकिन अबतक इसमें सफलता नहीं मिली है। चोरों की धरपकड़ के लिए सदर डीसपी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया है। उसमें पांच थानों के थाना अध्यक्ष शामिल किए गए हैं।

पुजारी संत मुरारी दास ने बताया कि इस ठाकुरबाड़ी को 21 बीघा जमीन है। इसी परिसर में दुर्गा मंदिर भी है। मंदिर और ठाकुरबाड़ी का संचालन श्रीश्री 108 रामजानकी गोकुल सिंह ठाकुरबाड़ी न्‍यास परिषद करती है। ठाकुरबाड़ी की स्थापना 1922 में हुई है। इसके बाद इसी परिसर में दुर्गा मंदिर भी स्‍थापित की गई। चोरी हुई सभी मूर्तियों को सन 1922 में स्थापित की गई थी। यहां दुर्गा पूजा में यहां भव्य मेला लगता है। इस मंदिर और ठाकुरबाड़ी की ख्याति दूर-दूर तक फैली है। पुजारी संत मुरारी दास अयोध्या के रहने वाले हैं। वे ही श्रीश्री 108 रामजानकी गोकुल सिंह ठाकुरबाड़ी न्‍यास परिषद के सचिव हैं। इन्‍हीं के बयान पर पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है। 

रामजानकी ठाकुरबाड़ी न्यास परिषद के पुजारी संत मुरारी दास ने बताया कि इस मंदिर से चोरी गई सभी मूर्तियां 1922 में स्थापित की गई थीं। उनका वजन 50 किलो से अधिक था। उन्होंने बताया कि वह अन्य दिनों की तरह रात में मंदिर का ताला बंद कर चाबी खूंटी में टांग कर सो गए थे। रात के 12 बजे तक सब कुछ ठीक था। ऐसा लगता है कि उसके बाद चोरों ने खूंटी से चाबी उतार कर मंदिर का ताला खोलकर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी की मूर्तियां चुराकर पीछे के रास्ते से भाग गए। सुबह जगने पर इसकी जानकारी पाकर वे हतप्रभ रह गए। उन्होंने तत्काल इस घटना की जानकारी न्यास परिषद के सदस्यों एवं पुलिस को दी। जानकारी के अनुसार, ठाकुरबाड़ी में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए थे। मगर पुलिस ने जांच की तो वह खराब पाए गए। पुलिस जांच कर रही है कि वह कब से खराब थे तथा उन्हें ठीक क्यों नहीं कराया गया था। मंदिर परिसर में जुटे कई लोग इस घटना में ठाकुरवाड़ी के महंथ की सहभागिता होने का भी शक जाहिर कर रहे थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें भीड़ से निकाल कर लोगों को शांत कराया। सदर डीएसपी आनंद पांडेय ने बताया कि जांच टीम जल्द ही अपराधियों की शिनाख्त कर उन्हें पकडऩे में सफल होगी।

सूचना मिलने पर एसपी विशाल शर्मा कई थानों की पुलिस के साथ वहां पहुंचे। एसपी विशाल शर्मा ने बताया कि पुलिस इस ठाकुरबाड़ी से चोरी हुई सभी मूर्तियों को शीघ्र बरामद कर लेगी। सभी चोर भी पकड़े जाएंगे। पुलिस को कई महत्वपूर्ण सुराग मिला है। जगह-जगह छापेमारी की जा रही है। सीसीटीवी से भी कुछ जानकारी मिली है। एसपी ने कहा कि ठाकुरबाड़ी से सिर्फ मूर्तियों की हुई चोरी हुई है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इस चोरी में अंतरराज्यीय मूर्ति तस्कर गिरोह के शामिल होने की आशंका है। 


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