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जमुई के चंद्रमंडी का झरना, खूबसूरत वादियां कराती हैं सुखद अहसास, कब होगा पर्यटन स्थल के रूप में जगह का विकास?

जमुई के चंद्रमंडी में प्रकृति का खूबसूरत दृश्य देखने को मिलता है। हर रोज यहां कई लोग भ्रमण के लिए आते हैं। पहाड़ों से गिरने वाला झरना कलकल की आवाज करते हुए लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Tue, 07 Dec 2021 08:11 AM (IST)Updated: Tue, 07 Dec 2021 08:11 AM (IST)
जमुई के चंद्रमंडी का झरना, खूबसूरत वादियां कराती हैं सुखद अहसास, कब होगा पर्यटन स्थल के रूप में जगह का विकास?
चंद्रमंडी में कलकल की आवाज करते हुए बहता है झरना।

अमित कुमार राय, चंद्रमंडी (जमुई): जमुई मुख्य मार्ग एनएच-333 पर चकाई और चन्द्रमंडीह थाना क्षेत्र की सीमा पर स्थित धोबघाट झरना और पहाड़ी दशकों से पर्यटक स्थल बनने की बाट जोह रहा है। भले ही यहां के जनप्रतिनिधि चुनावी वादों में विकास करने की बात जोर जोर से करते नहीं थकते है लेकिन सच्चाई यही है कि यहां से जीते तमाम जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा या फिर उदासीनता के कारण इसका सुंदरीकरण नहीं हो सका।

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यहां की प्राकृतिक बनावट इस रास्ते से गुजरने वाले हरके लोगों को बरबस अपनी और आकर्षित करती है। यही कारण है कि इधर से गुजरने वाले लोग जरूर कुछ पल रुककर यहां की सुंदरता का आनंद उठाते हैं।

यहां का पानी झरना, खूबसूरत पत्थर की चट्टानें और और छोटी-छोटी पहाड़ियां और हजारों की संख्या में खजूर पेड़ों की श्रृंखला बरबस लोगों को खींचते हुए यहां की सुंदरता में चार चांद लगाती है। जानकारी के अनुसार प्रखंड के बेरबारी गांव स्थित बहियार से धोबघाट नदी की शुरूआत हुई है जो आगे बढ़कर कई जगहों पर झरनानुमा का रूप लेती हुए और निखरती गई। जैसे-जैसे ये नदी आगे बढ़ते हुए चकाई-जमुई मार्ग से होकर गुजरती है, इसकी सुंदरता और बढ़ती जाती है। बेरबाड़ी से प्रारंभ हुई यह नदी आगे चलकर बटिया जंगल की घाटी में प्रवेश करते हुए नारोदह झरना में जाकर मिल जाती है। इस नदी की एक खासियत यह है कि चाहे कितनी भी गर्मी का मौसम हो जाए इसका पानी कभी नहीं सूखता नहीं है। यह हमेशा बहती रहती है और इसमें पर्याप्त पानी भी उपलब्ध रहता है।

यही कारण है कि हरेक मौसम में इधर से गुजरने वाले लोग और स्थानीय लोग प्रतिदिन यहां सुबह और शाम में सैर करने के लिए पहुंचते हैं। झरना और नदी के तट पर स्थित शिव और पार्वती का प्राचीन मंदिर यहां की सुंदरता में चार चांद लगाता है। वही प्रतिवर्ष मकर संक्रांति और नववर्ष के मौके पर विशाल मेला का आयोजन होता है जिसमें बड़ी संख्या में लोग पहुंचकर इसका आनंद उठाते हैं। वहीं जाड़े के मौसम में बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन पिकनिक के लिए पहुंचते हैं।

स्थानीय लोग बताते हैं कि दशकों से जनप्रतिनिधियों की लापरवाही के कारण धोबघाट का समुचित विकास नहीं हो पाया। अगर सरकार यहां ध्यान दे तो यह एक बेहतरीन पर्यटक स्थल बन सकता है । जिससे एक ओर जहां सरकार को राजस्व का लाभ होगा, वहीं स्थानीय लोगों को भी रोजगार मिलेगा। हालांकि दो साल पूर्व तत्कालीन विधायक सावित्री देवी ने जरूर विधानसभा में धोबघाट को पर्यटक स्थल का दर्जा देने की मांग उठाई थी लेकिन धरातल पर कुछ भी नहीं हो पाया।


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