Jamui: 24 घंटे में सामूहिक दुष्कर्म के बयान से पलटी महिला, लालू यादव और संजय साव ने बनाया था दबाव
जमुई में मुखिया सहित तीन लोगों पर महिला ने सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाया था। 24 घंटे के बाद अपना बयान उसने बदल दिया। कहा कि-दबाव में केस करने की महिला ने पुलिस के समक्ष दी बयान। लालू यादव और संजय साव के दबाव में दुष्कर्म का आरोप लगाया था।
संवाद सहयोगी, जमुई। जमुई में सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाकर जेल भेजने की गलत मंशा को खुद पीड़िता ने ही कबूल कर ली है। जांच करने पहुंची पुलिस के समक्ष दिए बयान में 24 घंटे के अंदर ही महिला ने पलटी मार दी और अपने बयान को ही बदल डाला। जिसका वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में महिला ने बुधुआडीह गांव निवासी लालू यादव और संजय साह पर आरोप लगाते हुए पुलिस के समक्ष कहते दिख रही है कि उसे जोर-जबरदस्ती के साथ दबाव व धमकी देकर झूठा सामूहिक दुष्कर्म का केस करवाया गया है।
महिला ने बताई की जिस तीन लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगाई थी उससे उनका कभी किसी प्रकार का कोई लेन- देन नहीं रहा है। इस झूठे केस से उसके इज्जत-प्रतिष्ठा चली गई है मान-सम्मान खत्म हो गया है जिस वजह से उसने पुलिस के समक्ष सारी सच्ची बयान की है। हालांकि घटना के संबंध में महिला थानाध्यक्ष मधु मालती से जब जानकारी ली गई तो उसने महिला के ऐसे बयान से साफ इंकार करते हुए जांच होने की बात कहते हुए पल्ला झाड़ लिया।
बता दें कि सोमवार को चंद्रमंडीह थाना क्षेत्र के एक गांव की महिला द्वारा महिला थाना जमुई में लिखित आवेदन देकर सामूहिक दुष्कर्म करने की तीन लोगों पर मुकदमा दर्ज कराई थी। उसके बाद पुलिस द्वारा महिला का मेडिकल जांच भी कराया गया था। आवेदन में महिला ने बताई थी कि वह रविवार की शाम जेहवाडीह मोड़ के समीप आटो से उतर कर पैदल अपने घर जा रही थी, तभी रास्ते में एक उजला रंग की मारुति वाहन रुकी और माधोपुर पंचायत के मुखिया पंकज साह, मनोज साहू और जितेंद्र वर्मा द्वारा पिस्तौल का भय दिखाकर उसे गाड़ी में बैठा लिया गया।
फिर उसे गोरीडीह जंगल ले जाकर बारी-बारी से दुष्कर्म किया गया। साथ ही किसी से कहने पर जान मारने की धमकी देते हुए सभी लोग फरार हो गया। उसके बाद मंगलवार को घटना की जांच करने जब महिला थानाध्यक्ष पीड़िता के गांव पहुंची तो पीड़िता के उल्टे बयान से थानाध्यक्ष भी दांत तले अंगुली दबाकर वापस लौट गई।