चकाचक होंगी शहर की सड़कें, आउटसोर्सिग को मिलेगा जिम्मा
शहर की सड़कें अब हमेशा चकाचक रहेंगी। आउट सोर्सिग को साफ-सफाई का जिम्मा सौंपा गया है।
भागलपुर। शहर की सड़कें अब हमेशा चकाचक रहेंगी। आउट सोर्सिग को साफ-सफाई का जिम्मा सौंपा जाएगा। प्रमुख स्थानों पर वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। न्यूनतम शुल्क अदा कर लोग आरओ का पानी पी सकेंगे। शहर के सभी प्याऊ से जलापूर्ति होगी। खराब मोटर पंप बदले जाएंगे, चापाकलों को भी दुरुस्त किया जाएगा। प्रत्येक वार्ड में फुटकर विक्रेताओं के लिए वेंडिंग कमेटी बनाई जाएगी। सड़क पर निर्माण सामग्री और घर का मलबा फेंकने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उन्हें जुर्माना देना होगा। इसके लिए निगम बायलॉज भी बनाएगा। शिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी। शनिवार को नगर निगम सभागार में हुई सामान्य बोर्ड की बैठक में उक्त प्रस्तावों को सर्वसम्मति से पारित कर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता मेयर सीमा साहा ने की।
इस दौरान 28 मार्च की बैठक के छह प्रमुख प्रस्तावों पर हुए अनुपालन की रिपोर्ट नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने पेश की। उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड में दो प्याऊ के बदले एक-एक प्याऊ की निविदा प्रकिया पूर्ण कर ली गई है। संवेदक को एक सप्ताह में कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया है। एक माह में कार्य पूर्ण नहीं करने पर निविदा रद करने की कार्रवाई की जाएगी। 14 वार्डो में प्याऊ निर्माण के लिए संवेदक को वर्क ऑर्डर दिया गया है। चार ग्रुप में आठ प्याऊ की एकल निविदा हुई है। इसकी पुन: निविदा होगी। शेष वार्डो की निविदा लॉटरी के माध्यम से चार मई को की जाएगी। श्मशान घाट पर दाह संस्कार करने का दर तय होगा। इसके लिए तीन मई को नगर आयुक्त निरीक्षण करेंगे। विद्युत शवदाह गृह के जीर्णोद्धार के लिए नगर विकास विभाग ने पौने चार करोड़ रुपये बीआरजेपी को दी है। निविदा प्रकिया पूर्ण हो गई है। शवदाह गृह परिसर में नगर निगम की योजना से दो कमरे का कार्यालय बनाया जाएगा। इसमें निगम कर्मी को प्रतिनियुक्त किया जाएगा, ताकि शव जलाने, जलावन और मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए रसीद लोगों को उपलब्ध कराई जा सके। नाथनगर में वृद्धाश्रम के संचालन के लिए बायलॉज तैयार कर लिया गया है। इसमें भोजन से लेकर आवासन तक की सारी व्यवस्था का ख्याल रखा गया है। वृद्धाश्रम संचालन समिति के सहमती के बाद व्यवस्था बहाल कर दी जाएगी। जगदीशपुर अंचल के कनकैथी में नगर निगम को डंपिंग ग्राउंड की जमीन नहीं मिलेगी। इसके संकेत नगर आयुक्त श्याम बिहारी मीणा ने बैठक में दी। डंपिंग और प्रोसेसिंग प्लांट के लिए आठ एकड़ जमीन की जरुरत है। इसके बदले 4.6 एकड़ जमीन देने की कवायद हुई, लेकिन प्रमंडलीय आयुक्त ने तकनीकी समस्या के कारण राजस्व विभाग को पत्र भेजा है। राजस्व विभाग से लाइजनिंग करने की जरुरत है। नगर विकास मंत्री और प्रधान सचिव अद्यतन जानकारी मांग रहे हैं। जमीन का आवंटन नहीं होने पर चिंता व्यक्त की गई है। डंपिंग ग्राउंड नहीं मिलने की स्थिति में नगर निगम लीज पर जमीन लेगी और इसके लिए शीघ्र निविदा निकाली जाएगी। बैठक में पार्षदों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि डंपिग ग्राउंड जिला प्रशासन और सरकार को देना होगा। इसके लिए शहर में जोरदार आंदोलन भी किया जाएगा। शहर में सुव्यवस्थित सफाई व्यवस्था के लिए आउट सोर्सिग से नगर निगम ने कराने का निर्णय लिया है। स्मार्ट सिटी की योजना से सॉलिड बेस्ट मैनेजमेंट का 15 दिन पहले कलेक्शन और ट्रांसर्पोटेशन के लिए आरएफपी निकाली गई है। शहर की सफाई में प्रति माह 1.5 करोड़ खर्च होता है। बड़ी कंपनी को सफाई कार्य के लिए लाया जाएगा। नगर निगम सफाई व्यवस्था में 60 लाख रुपये प्रति माह खर्च करती है। इसमें 45 लाख सफाई मजदूरों के मानदेय और 15 लाख वाहनों के डीजल पर खर्च होता है। 45 लाख प्रति माह में बड़ी कंपनी को देने से निगम को फायदा होगा। छह वर्षो के लिए कार्य करने को कंपनी से करार होगा। जितना कूड़ा उठाएंगे उसी के अनुरूप चार्ज देना दिया जाएगा। नाला उड़ाही नगर निगम अपने संसाधन से कराएगी।