भागलपुर SNCU में नवजात को भर्ती कराए हैं... संभल जाइए, जान लें पहले यहां की व्यवस्था
भागलपुर में नवजात का इलाज करना बहुत मुश्किल है। जिले में नवजात के लिए एसएनसीयू है। लेकिन इसमें इलाज की बेहतर व्यवस्था नहीं है और न ही चिकित्सक भी आपके समय पर मिलेंगे। इस कारण नवजात के इलाज में काफी परेशानी होती है।
जागरण सवांददाता, भागलपुर। एसएनसीयू में नवजात बच्चों का इलाज भगवान भरोसे है। रेडिएंट वार्मर के जरिये बच्चों के तापमान को कंट्रोल किया जा रहा है। ऐसी खराब है। वही स्पेशल न्यू बॉर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) रखा अग्नि शमन यंत्र की अवधि समाप्त हो गई है। अगर शॉट सर्किट या अन्य माध्यम से आग लगती है तो भर्ती बच्चों को बचाना मुश्किल हो आएगा। कोरोनकाल में बच्चों की भर्ती की संख्या भी कम होती गयी है।
एसएनसीयू का ऐसी खराब
एसएनसीयू का ऐसी पिछले एक माह से ख़राब है। दो ऐसी में एक खराब है। जिस कमरे का ऐसी खराब है उस कमरे में बच्चों को भर्ती नही किया जाता। क्योंकि कमरे का तापमान गर्म रहता है। अगर बच्चे को भर्ती करना भी पड़े तो रेडिएंट वार्मर द्वारा नर्स बच्चे को जीतने तापमान पर रखना है, उसे एडजस्ट करती हैं। ख़राब ऐसी की जानकारी अस्पताल प्रसाशन को दी गयी है। लेकिन अभी तक ऐसी को दुरुस्त नही किया गया है।
12 में दो वार्मर भी खराब
जन्म लिए बच्चों को अगर जॉंडिस है या साँस लेने में परेशानी हो रही है तो ऐसे बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती कर इलाज किया जाता है। इसके लिए फोटोथेरेपी और 12 रेडिएंट वार्मर लगाए गए हैं। इनमे दो वार्मर खराब है। हालांकि अभी भर्ती बच्चों की संख्या कम है।
अप्रैल से बच्चे नहीं किये जा रहे रेफर
जब से कोरोना की रफ्तार तेज हुई है तब से जिस बच्चे की हालत खराब हुई है, उन्हें रेफर नही किया गया है। क्योंकि मायागंज अस्पताल में केवल कोरोना मरीजों का इलाज किया जाता है। ऐसे में बीमार बच्चे के स्वजन निजी क्लिनिक में बच्चे को ले जाते हैं।
भर्ती बच्चे की संख्या हुई कम- सोमवार को मात्र दो बच्चों को एसएनसीयू में भर्ती किया गया था
जनवरी में 44 नवजात को यहां भर्ती कराया गया था। वहीं, फरवरी में 34, मार्च में 55, अप्रैल में 39, 24 मई तक 19 नवजात को यहां भर्ती किया गया था।
नवजात के मौत के आंकड़े - मार्च में एक नवजात की मौत हुई। अप्रैल और मई माह में चार-चार नवजात की मौत हो चुकी है।
अग्नि शमन यंत्र की अवधि समाप्त : एसएनसीयू में अग्नि शमन की अवधि समाप्त एक माह पूर्व हो गयी है। 15 अप्रैल 2020 को गैस की रिफिलिग की गई थी, जिसका एक्सपायर तिथि 14 अप्रैल 2021 को है। अभीतक फिर से रिफिलिंग नही की गई है।
एक शिशु विसेसज्ञ हैं : एसएनसीयू में मात्र एक शिशु विसेसज्ञ डॉ कुंदन हैं। जिन्हें ओपीडी से लेकर एसएनसीयू में भर्ती बच्चों के इलाज का भार है।
एसएनसीयू में जो कमी है उसकी पूर्ति की जाएगी। ऐसी दुरुस्त किया जाएगा और वार्मर भी। - डॉ उमेश शर्मा, सिविल सर्जन