अगर डायबिटीज से बचना चाहते है तो पॉलीथिन से बना लें दूरी, जानिए वजह
अगर हम समय रहते नहीं चेते तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। हम लोगों के द्वारा फैलाया गया प्रदूषण अब हम सभी को प्रभावित करने लगा है। इसलिए जरुरी है पूरी पर पॉलीथिन से मुक्ति हो।
भागलपुर (जेएनएन)। पॉलीथिन का इस्तेमाल से मधुमेह के रोगी तेजी से बढ़ रहे हैं। वरीय फिजिशियन डॉ. आलोक कुमार सिंह का कहना है कि चाय व अन्य गर्म खाद्य तथा पेय पदार्थ भी पॉलीथिन में मंगाए जाते हैं। यह बहुत ही खतरनाक है। इसके माध्यम से प्लास्टिक का अंश शरीर में पहुंच रहा है।
अब 20-30 साल की उम्र वाले दुबले-पतले और गांव में रहने वाले भी चपेट में आ रहे हैं। उनके ब्लड में शुगर का स्तर 300-400 तक रहता है। इसकी वजह प्लास्टिक एवं पॉलीथिन से होने वाला प्रदूषण है। प्लास्टिक के गिलासों में चाय या फिर गर्म दूध का सेवन करने से उसका केमिकल लोगों के पेट में चला जाता है। इससे डायरिया के साथ ही अन्य गम्भीर बीमारियां होती हैं।
अगर हम समय रहते नहीं चेते तो स्थिति और भी भयावह हो जाएगी। हम लोगों के द्वारा फैलाया गया प्रदूषण अब हम सभी को प्रभावित करने लगा है। शादी-विवाह एवं पार्टियों के दौरान फैलाई गई गंदगी से बीमारियां फैल रही हैं। हम फिर भी अनजान बने हैं, अब जागरूक होना पड़ेगा। सहूलियत के लिए इस्तेमाल की जाने वाली पॉलीथिन धीरे-धीरे जहर बनती जा रही है। पीने का पानी प्लास्टिक की बोतल में मिल रहा है। सब्जी एवं फल पॉलीथिन में लेकर चल रहे हैं।
कार या सफर में पानी की बोतल लेकर चलने से यह जब गर्म हो जाती है तो उसमें भी प्लास्टिक का अंश आ जाता है। देश-विदेश में हुए शोध में भी लिवर में प्लास्टिक के अंश मिलने की पुष्टि हो चुकी है। यह प्लास्टिक रक्त के माध्यम से डीएनए को प्रभावित कर रही है। इसकी वजह से मधुमेह (शुगर) के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। इसके अलावा दूसरी सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर भी तेजी से हो रहा है। इसकी मूल वजह प्लास्टिक का तेजी से बढ़ता प्रचलन हैं। उन्होंने बताया कि अधिक मीठा खाने या मोटे व्यक्तियों में डायबिटीज का खतरा रहता था।