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आस्ट्रेलियन तकनीक से बन रही बिहार की दूसरी सुरंग का दिसंबर में सीआरएस, रतनपुर-जमालपुर में नहीं फंसेंगी ट्रेनें

बिहार के मुंगेर में राज्य की दूसरी सुरंग बनाई जा रही है। आस्ट्रेलियन तकनीक से बन रही इस सुरंग का दिसंबर में सीआरएस होना है। जल्द ही इससे ट्रेनें दौड़ेंगी। ट्रेनों का परिचालन जहां रतनपुर और जमालपुर में बाधित होता था अब वो नहीं होगा...

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 05:04 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 05:04 PM (IST)
आस्ट्रेलियन तकनीक से बन रही बिहार की दूसरी सुरंग का दिसंबर में सीआरएस, रतनपुर-जमालपुर में नहीं फंसेंगी ट्रेनें
मुंगेर में बन रही 210 फीट लंबी सुरंग...

केएम राज, जमालपुर (मुंगेर)। जिले के जमालपुर-रतनपुर स्टेशनों के बीच आस्ट्रेलियन तकनीक से बन रही राज्य की दूसरी रेल सुरंग का निर्माण तेजी से चल रहा है। नई सुरंग में फर्श की ढलाई का काम पहले ही पूरा हो चुका है। नई सुरंग पुरानी सुरंग से 15 फीट की दूरी पर है। इस सुरंग की चौड़ाई पुरानी सुरंग से ज्यादा है। इसमें यात्रियों के पैदल चलने की भी जगह होगी। इसमें रेलवे ट्रैक बिछाने का काम जल्द शुरू होगा। नंवबर के अंत तक सुरंग को पूरी तरह तैयार हो जाने की उम्मीद है। सुरंग चालू हो जाने के बाद किऊल से मालदा तक 276 किमी का रेलवे ट्रैक पूरी तरह डबल हो जाएगा।

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अभी दो किमी तक सिंगल लाइन पर ट्रेनें चल रही हैं। नई सुरंग अंग्रेजों द्वारा बनाई गई सुरंग की अपेक्षा बेहतर है। इसकी लंबाई 903 फीट तथा ऊंचाई लगभग 20 फीट है। सुरंग निर्माण के लिए न्यू आस्ट्रेलियन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। पुरानी सुरंग से नई सुरंग की लंबाई लगभग 210 फीट ज्यादा है। डीआरएम यतेंद कुमार ने बताया कि यह पूर्व रेलवे, कोलकाता का ड्रीम प्रोजेक्ट है। नवंबर-दिसंबर के बीच तक नई सुरंग बनकर तैयार हो जाएगा।

रेल संरक्षा आयुक्त करेंगे जांच

दिसंबर में रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) जांच होने की उम्मीद है। सीआरएस जांच के एक सप्ताह बाद ओके रिपोर्ट आएगी। इसके बाद रेल सुुरंग से ट्रेनों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा। दरअसल, 2020 में ही रेल सुरंग बनकर तैयार करने का लक्ष्य था। लाकडाउन और कोरोना के कारण काम में विलंब हुआ। 2021 के लाकडाउन में सुरंग का निर्माण कार्य काफी तेजी से हुआ। अब सुरंग में ढलाई के बाद रेलवे ट्रैक बिछाने की तैयारी है।

मुख्य बातें

  • -सुरंग चालू हो जाने के बाद किऊल से मालदा तक 276 किमी का रेलवे हो जाएगा डबल
  • -अभी लगभग दो किमी तक सिंगल लाइन पर ट्रेनों का हो रहा परिचालन
  • -जमालपुर-रतनपुर के बीच अंग्रेजों की बनाई गई पुरानी सुरंग की तुलना में नई सुरंग है बेहतर
  • -पुराने सुरंग से 210 फीट ज्यादा है बन रही नई रेल सुरंग की लंबाई
  • -आस्ट्रेलियन तकनीक से बन रही नई रेल सुरंग
  • -पूर्व रेलवे कोलकाता का ड्रीम प्रोजेक्ट है नया रेल सुरंग
  • -2020 में ही बनकर होना था तैयार, दूसरे लाकडाउन में काम में आई तेजी

रतनपुर की ओर से डबल लाइन का काम अंतिम चरण में

एक सुरंग होने के कारण रतनपुर के बाद से जमालपुर तक एक ही रेल लाइन से अप और डाउन दिशा की ट्रेनों का परिचालन होता है। अब नई सुरंग बनने के बाद दोहरीकरण का काम भी पूरा हो जाएगा। रतनपुर-पाटम की दिशा से रेलवे ट्रैक बिछाने का काम भी अंतिम चरण में है।

अब नहीं फंसेंगी ट्रेनें

दोनों सुरंग से ट्रेन परिचाल शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिलेगी। ट्रेनें नहीं फंसेगी, अभी कुछ दूरी तक ङ्क्षसगल लाइन होने के कारण ट्रेनों को रतनपुर या फिर जमालपुर में रोकना पड़ता है। ऐसे में 15 से 20 मिनट तक ट्रेनें कभी फंस जाती है, सुरंग चालू होने के बाद यात्रियों को इससे छुटकारा मिलेगा।


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