सहरसा में तालाबों की खोज अभी तक अधूरी, अतिक्रमण मुक्त नहीं हो पाए चिन्हित जलाशय
सहरसा जिले में एरियल सर्वे में मिले 1681 तालाबों में सिर्फ 1453 को चिन्हित किया गया। इसके साथ ही 30 को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया। अब जलाशयों को लेकर उठाए गए कदम पर ब्रेक सा लगा दिखाई दे रहा है।
संवाद सूत्र, सहरसा: जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत सरकार के निर्देश पर जिले के तालाबों व कुंओं की खोज तो गई, लेकिन जहां दर्जनों तालाब का अबतक पता नहीं चल सका है। वहीं खोज किए गए तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने में जिला प्रशासन पूरी तरह विफल साबित हो रहा है। जबकि सरकार द्वारा सरकारी जमीन के साथ- साथ तालाबों को अतिक्रमणमुक्त कराने और अतिक्रमण करनेवाले पर दंड निर्धारित करने का आदेश दिया है।
अतिक्रमण की चपेट में है लगभग डेढ़ सौ तालाब
एरियल सर्वे के अनुसार सहरसा जिले में एरियल सर्वे में मिले 1681 तालाबों के विरुद्ध स्थलीय सर्वेक्षण में मात्र 1453 तालाबों को ही चिन्हित किया जा सका है। इसमें अतिक्रमित तालाबों में 30 को अतिकम्रमण मुक्त कराया गया। अंचलाधिकारियों के प्रतिवेदन के अनुसार अबतक लगभग डेढ़ सौ तालाब अतिक्रमण की चपेट में है। इन तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराने के प्रति प्रशासन पूरी तरह उदासीन बना हुआ है। फलस्वरूप जल- जीवन- हरियाली योजना के तहत इन तालाबों का विकास कार्य भी अवरूद्ध है।
'सभी अतिक्रमित किए गए तालाबों को मुक्त कराने का आदेश अंचलाधिकारियों को दिया गया है। कुछ तालाब अतिक्रमणमुक्त कराए भी गए, शेष को शीघ्र अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस कार्य को पूर्ण कर लिया जाएगा।'- विनय कुमार मंडल, अपर समाहर्ता, सहरसा।
प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र सुहथ को चालू करने की मांग
जिला परिषद सदस्य इन्द्रकला देवी के प्रतिनिधि संतोष मेहता ने जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को ज्ञापन देकर प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र सुहथ को चालू करने की मांग की। उन्होंने कहा कि वर्तमान जिलाधिकारी व सिविल सर्जन की उपस्थिति में हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, सुहथ का विधिवत शुरुआत किया गया। इससे ग्रामीणों को प्रसव सेवा,ओपीडी,टीकाकरण आदि की सुविधा मिल रही थी। कहा कि यह सुविधा मात्र एक पखवाड़ा मिल सका।
लगभग तीन महीने से यहां ताला लटका हुआ है, जिससे क्षेत्र के आम गरीब,मजदूर,किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आवेदन के माध्यम से एक सप्ताह के अंदर उप स्वास्थ्य केंद्र में कम- से -कम एक- एक एक महिला व पुरूष चिकित्सक एवं नर्स की प्रतिनियुक्ति करने की मांग की। ताकि सुचारू रूप से प्रसव सेवा,ओपीडी,टीकाकरण व अन्य इलाज की सुविधा मिल सके।