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भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सेवानिवृत्त प्राचार्य पर चलेगी विभागीय कार्रवाई, ये है आरोप

भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई) के पूर्व प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार पर शिकंजा कसना तय हो गया है। विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य जांच आयुक्त को बनाया गया है। जबकि बीसीई के असिस्टेंट प्रोफेसर शशांक शेखर को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 02 Jan 2021 07:40 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jan 2021 07:40 AM (IST)
भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग के सेवानिवृत्त प्राचार्य पर चलेगी विभागीय कार्रवाई, ये है आरोप
भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई) का प्रशासनिक भवन।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (बीसीई) के पूर्व प्राचार्य डॉ. निर्मल कुमार पर कॉलेज से जुड़े एक वित्तीय मामले में विभागीय कार्यवाही चलेगी। इससे संबंधित अधिसूचना साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त सचिव ने 30 दिसंबर को जारी कर दी है। इस अधिसूचना को स्मार्ट सिटी से हो रहे कार्य से जुड़े विवाद को भी जोड़कर देखा जा रहा है। जिसमें प्रमंडलीय आयुक्त वंदना किनी ने उन पर विभागीय कार्यवाही चलाने की बात कही थी। इतने दिनों से मामला ठंडे बस्ते में था। अचानक उन पर विभागीय कार्रवाई की अधिसूचना जारी की गई।

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विभागीय कार्यवाही का संचालन पदाधिकारी सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य जांच आयुक्त को बनाया गया है। जबकि बीसीई के असिस्टेंट प्रोफेसर शशांक शेखर को उपस्थापन पदाधिकारी नियुक्त किया है। पत्र में 15 दिनों के भीतर डॉ. कुमार को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वे संचालन पदाधिकारी बनाए गए मुख्य जांच आयुक्त, सामान्य प्रशासन विभाग के समक्ष अपना पक्ष रखेंगे।

बता दें कि डॉ. कुमार पर उत्तर पुस्तिका और छात्रों के बैठने से जुड़ी व्यवस्था में खर्च होने वाले मानदेय को मनमाने ढंग से वितरण करने का आरोप लगा था। इसकी शिकायत 2018 में कॉलेज के सहायक प्राध्यापक विनय कुमार सिंह ने की थी। जांच के दौरान डॉ. कुमार पर आरोप सही पाए गए थे।

26 जुलाई 2018 को मामले की जांच विभागीय कमेटी ने की थी। जांच में आरोप सही पाए जाने के कारण 23 जून 2020 को उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया था। उस वक्त वे गया में इंजीनियरिंग कॉलेज के प्राचार्य थे। 26 जून 2020 को डॉ. कुमार ने अपना जवाब दिया था। जिससे कमेटी संतुष्ट नहीं हुई। इस कारण उन पर आरोप पत्र गठित किया गया। जिसमें आरोप सही मिले हैं।

यह मामला राशि के हेर-फेर से जुड़ा हुआ नहीं है। इसकी जांच चल रही है, पूरी जांच होने के बाद सब साफ हो जाएगा।- डॉ. निर्मल कुमार, पूर्व प्राचार्य बीसीई 


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