Move to Jagran APP

बिहार में गजब घोटाला: भारतीय रेलवे का नटवरलाल, जिसने बेच डाला ट्रेन का इंजन

बिहार में गजब घोटाला हुआ है। यहां रेलवे के इंजीनियर ने ट्रेन के इंजन को बेच डाला। मामले का खुलासा तब हुआ जब आउट पोस्ट प्रभारी ने आवेदन दिया। इस इंजन बिक्री के खेल में अकेले इंजीनियर ही नहीं तैनात दारोगा और अन्य कर्मचारी भी शामिल रहे।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Mon, 20 Dec 2021 01:59 PM (IST)Updated: Tue, 21 Dec 2021 07:06 AM (IST)
बिहार में गजब घोटाला: भारतीय रेलवे का नटवरलाल, जिसने बेच डाला ट्रेन का इंजन
बेच दिया पूरा इंजन, बचा रह गया इंजन का कटा हुआ भाग।

जागरण संवाददाता, पूर्णिया: समस्तीपुर रेल मंडल के एक इंजीनियर ने नटवरलाल को भी मात दे दी। समस्तीपुर लोको डीजल शेड के इंजीनियर राजीव रंजन झा ने वहां तैनात एक दारोगा व अन्य कर्मियों की मिलीभगत पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर मौजूद पुराना वाष्प इंजन को बेच दिया। इंजीनियर पूरी सफाई से डीएमई के फर्जी पत्र का सहारा लेकर यह खेल खेला। 14 दिसंबर को हुई इंजन की इस अवैध बिक्री का राज दो दिन पूर्व खुला। ऐसे में पूर्णिया कोर्ट स्टेशन के आउट पोस्ट प्रभारी एम एम रहमान के आवेदन पर रविवार की शाम इस संदर्भ की प्राथमिकी बनमनखी आरपीएफ पोस्ट में दर्ज की गई। इसमें इंजीनियर, शेड पर तैनात दारोगा समेत सात लोगों को नामजद किया गया है।

loksabha election banner

इधर आरपीएफ ने त्वरित कार्रवाई करते हुए रविवार की रात ही गुलाबबाग से इंजन का हाइड्रा बरामद कर लिया है। यद्यपि इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। विभाग द्वारा इंजीनियर के साथ-साथ डीजल शेड के दारोगा समेत तीन लोगों को निलंबित किया गया जा चुका है। जानकारी के अनुसार एक वाष्प इंजन पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर लंबे समय से पड़ा हुआ था। 14 दिसंबर को इंजीनियर राजीव रंजन झा यहां पहुंचे और इंजन को कटवाने लगे। इस पर आउट पोस्ट प्रभारी एमएम रहमान ने जब उन्हें रोका तो इस बाबत उसने पोस्ट प्रभारी को डीएमई का फर्जी पत्र दिखा दिया।

  • - पूर्णिया कोर्ट स्टेशन का मामला, इंजीनियर व एक दारोगा समेत सात कर्मी नामजद
  • - गुलाबबाग से बरामद हुआ इंजन का हाइड्रा, अन्य सामानों की बरामदगी के लिए चल रही छापेमारी

दूसरी तरफ, बाजार में इंजन की बिक्री के बाद एक खाली पिकअप की इंट्री समस्तीपुर लोको डीजल शेड में वहां तैनात दारोगा समेत कुछ कर्मियों की मिलीभगत से करा दी गई। इधर वहां तैनात एक महिला कर्मी ने जब बिना सामान ही गाड़ी की इंट्री वहां देखी तो उसने तत्काल इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दी। इस स्थिति में मामले की जांच शुरु हुई और पूरा वाकया सामने आ गया। फिलहाल इंजीनियर के इस फर्जीवाड़े के खेल ने रेल कर्मियों के साथ-साथ आम लोगों को भी हैरत में डाल दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.