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भागलपुर में 1952 में पकड़ी गई थी 22 बंदूकें, कुएं से मिला था तीर और बीजल

भागलपुर के डहरपुर में 1952 में 22 बंदूकें पकड़ी गई थी। पुलिस ने कुएं से बंदूक बरामद किया गया था। वहां भारी संख्या में तीर और बीजल भी मिले थे। डाकुओं ने कुंआ में पहले बंदूक फिर भारी संख्या में तीर-बीजल फेंक रखा था।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 08:30 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 08:30 AM (IST)
भागलपुर में 1952 में पकड़ी गई थी 22 बंदूकें, कुएं से मिला था तीर और बीजल
डाकुओं ने कुंआ में पहले बंदूक फिर भारी संख्या में तीर-बीजल फेंक रखा था।

भागलपुर [कौशल किशोर मिश्र]। भागलपुर के गोराडीह थाना क्षेत्र के डहरपुर गांव में 1952 में भी 22 बंदूकें पुलिस ने तब मशक्कत बाद बरामद की थी। तब भागलपुर के एसपी के नेतृत्व में पुलिस दबिश के पूर्व भड़ोखर के जमींदार भोला बाबू के यहां पहुंची थी। उनका प्रभाव ऐसा था कि उनसे इलाके के सक्रिय डाकू खौफ खाया करते थे। इलाके बुजुर्ग बताते हैं कि भोला बाबू से तब एसपी ने सामाजिक सहमती बनाकर डहरपुर में रात 11 बजे छापेमारी की थी। समूचा गांव घेर कर सर्च आपरेशन चलाया गया लेकिन तब हथियार नहीं बरामद हुआ। एसपी को तब यकीन नहीं हुआ कि गांव में हथियार नहीं है। उन्हें सूचना सटीक मिली थी। पुलिस की एक टुकड़ी तब लौटने लगी। उस दौरान गांव के मुहम्मद हाफिज ने एसपी को इशारा दे बताया कि गांव के इनारा में सारा हथियार फेंक दिया गया है। एसपी ने तब रात में ही कुंआ में एक जवान को उतार दिया। जवान के पैर में तब एक तीर चुभ गया था। दरअसल गांव में मौजूद डाकुओं ने कुंआ में पहले बंदूक फिर भारी संख्या में तीर-बीजल फेंक रखा था। एसपी के निर्देश पर तब कुंआ में झग्गड़ डाला गया। झग्गड़ डालते ही कुएं से तीर और बंदूक बाहर निकला। फिर तो चार जवानों को कुएं में उतार कर सारे हथियार निकलवा लिए गए थे। तब भारी संख्या में तीर-बीजल और 22 बंदूकें बरामद की गई थी।

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बर्तन बेचने गए कुंभकार श्याम खट-ख्ट की आवाज से चौंका था

उस समय भड़ोखर गांव से सटे वादे डहरपुर निवासी कुंभकार श्याम कुमार जो अब दुनियां में नहीं रहे। वह डहरपुर गांव बर्तन बेचने गया था। इलाके के बुजुर्ग बताते हैं कि वहां बर्तन बेचने के दौरान खट-खट की आवाज आने पर वह चौंक गया था। लोगों से पूछा था कि खट-खट की आवाज कैसी आ रही है? तब डहरपुर में रहने वाले जरायम पेशेवरों को आशंका हुई कि लगता है श्याम सबकुछ जान गया है। उसे मारने की साजिश भी हुई लेकिन श्याम उनकी मंशा भांप लघुशंका के बहाने गांव से नदी पार करता भाग कर भड़ोखर गांव पहुंच गया था। उसे रास्ते में हाफिज मिला था। उसे उसने बताया तो हाफिज ने भी हां में हां मिलाया कि वहां बंदूक और गोली का निर्माण किया जाता है। दोनों ने तब उसकी जानकारी जमींदार भोला बाबू को दी थी। तब एसपी तक यह शिकायत पहुंची और हथियार बरामदगी संभव हो पाई थी।


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