Move to Jagran APP

भागलपुर में बह रही भक्ति की सरिता : सभी यज्ञों में कर्म की है प्रधानता, हवनीय विधि से इष्ट देव को किया जाता है प्रसन्न

भागलपुर में यज्ञ के दौरान आचार्य ने कहा कि यज्ञ से संपूर्ण सृष्टि की कल्याण की भावना रखते हुए सर्वे भवंतू सुखिन सूत्र का पालन होता है। इसमें बड़ी संख्‍या में आसपास के लोग भाग ले रहे हैं।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 27 Feb 2021 08:51 AM (IST)Updated: Sat, 27 Feb 2021 08:51 AM (IST)
भागलपुर में बह रही भक्ति की सरिता : सभी यज्ञों में कर्म की है प्रधानता, हवनीय विधि से इष्ट देव को किया जाता है प्रसन्न
भागलपुर में चल रहे यज्ञ में शामिल लोग। जागरण।

 भागलपुर [ललन तिवारी]। यज्ञ मुख्यत: पांच प्रकार के होते हैं। यज्ञात्मक, जापात्मक, अभिषेकात्मक, बलिवैश्वदेव और पितृयज्ञ। यहां यज्ञात्मक यज्ञ हो रहा है। इसमें हवनीय विधि से अपने इष्ट देव को प्रसन्न किया जाता है। सभी यज्ञों में कर्म की प्रधानता है। यज्ञ से संपूर्ण सृष्टि की कल्याण की भावना रखते हुए सर्वे भवंतू सुखिन: सूत्र का पालन होता है। उक्त बातें यज्ञ कर्म की महानता बताते हुए प्रधान पंडित सुधीर मिश्र ने कहीं।

loksabha election banner

यज्ञ में आपार भीड़ के बीच वैदिक मंत्रोचार के साथ स्वाहा का उच्चारण करते हुए पंडित और यजमान यज्ञ के अग्निकुंड में आहुति दे रहे हैं। यज्ञ में ललन मिश्र, पं. पिंटू झा, बबलू झा, सूरज झा ,सुधीर पांडे आदि विद्वान पूरे लय में मंत्रोचार कर रहे हैं।

यज्ञ आयोजक कमेटी के अध्यक्ष अधिवक्ता उदेश्वर मंडल, सचिव गोपाल मंडल, सुमन, जिला पार्षद महेश, प्रवीण कुमार, मनोज मंडल, जोगिंदर मंडल, अरविंद मंडल, सूरज मंडल सहित सभी ग्रामवासी यज्ञ को सफल करने में तन मन धन से लगे हैं।

कल को होगा यज्ञ का समापन

श्रीश्री 108 लक्ष्मी नारायण पांच कुंडीय महायज्ञ मसाढू में यह तीसरा यज्ञ है। श्रद्धालुओं का सैलाब यज्ञ की सफलता का गवाह बन रहा है। सभी लोग 21 फरवरी के कलश शोभायात्रा से ही यज्ञ में शामिल हो रहे हैं। यज्ञ का समापन शनिवार को रात्रि 8:00 बजे तक किया जाएगा। रात में हर दिन यहां सत्संग प्रवचन होता है। जिसमें भी श्रोताओं की अपार भीड़ जुटती है। वातावरण भक्ति भावना से ओतप्रोत है। यज्ञ देखने दूरदराज से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। हर कोई यज्ञ के आहुति दे रहा है।

कोरोना काल के बाद पहली बार ग्रामीण क्षेत्र में इस प्रकार का भव्य मेला लगा है। जिसमें बच्चों से बड़ों तक के मनोरंजन के लिए साधन उपलब्ध है। यज्ञ में शिक्षाप्रद संदेशों से युक्त दर्जन भर से ज्यादा प्रतिमाएं बनाईं गईं हैं। उसके अलावा देवी देवताओं की 56 प्रतिमाएं यज्ञ की शोभा बढ़ा रहीं हैं।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.