पुराने दागियों पर निगरानी नहीं रखने वाले अफसरों पर गिरेगी गाज
पुलिस मुख्यालय पुराने दागियों पर निगरानी को लेकर काफी गंभीर है।
(बलराम मिश्र) भागलपुर। पुलिस मुख्यालय पुराने दागियों पर निगरानी को लेकर काफी गंभीर है। इसके लिए मुख्यालय ने सभी जिलों के जोनल आइजी को पत्र लिख निर्देश जारी किया है। पत्र में इलाकाई दागियों पर नजर रखने की जिम्मेवारी संबंधित थाने के पुलिस पदाधिकारी को देने का निर्देश दिया गया है।
इसके अलावा दागी की समीक्षा करने और सक्रिय अपराधियों का थाने में डोजियर खोलने को कहा है। डोजियर में दागी का मोबाइल नंबर भी अंकित करने को कहा है। इसके लिए आइजी स्तर से जोन के सभी एसएसपी/एसपी को निर्देश जारी किया है।
अधिकारी के स्थनांतरण होने तक रहेगी दागी की जांच की जिम्मेवारी
थाने में पदस्थापित अधिकारियों को दागियों के अनुपात में में जांच का कार्य दिया जाएगा। ताकि किसी एक अधिकारी पर ज्यादा कार्य बोझ ना पड़े। इसके अलावा जिन अधिकारियों को दागी विशेष के जांच का कार्य मिलेगा, वे तब तक उनकी निगरानी करेंगे, जब तक थाने से उक्त अधिकारी का स्थानांतरण नहीं हो जाता। इसके अलावा निर्धारित अवधि के अलावा भी अधिकारी दागियों की गतिविधियों की जांच करेंगे और सदैव खुद उस दागी की गतिविधियों से पर नजर भी रखेंगे।
जिले से बाहर रहने पर संबंधित थाने को दी जाएगी दागी के बारे में सूचना
मुख्यालय ने पत्र में कहा है कि विशेष सूचना मिलने पर दागी पर निगरानी रखने वाले संबंधित थाने के अधिकारी अपने थाना को तथा दागी के थाना क्षेत्र से बाहर रहने की स्थिति में पुलिस नियमानुसार दूसरे थाने को भी अवगत कराएगी, ताकि उस पर बाहर भी निगरानी हो सके। ऐसे में पुराने दागियों पर निगरानी को लेकर सख्ती करने के निर्देशों का अनुपालन हर हाल में सुनिश्चित करने को कहा गया है।
पुराने दागी देते हैं अपराध को अंजाम
जिले में भी ज्यादातर आपराधिक वारदात को अंजाम देने का काम पुराने दागी करते हैं। ऐसे कई मामले हैं, जिसमें जेल से बाहर आते ही अपराधी घटना को अंजाम देते हैं। कुछ माह पहले ही कपिल यादव और श्रवण चौधरी को पुलिस ने अंजनी हत्याकांड में गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वे लोग जेल से छुटने के बाद बेल पर थे। इसके अलावा होटल विनीत के मालिक से मारपीट और रंगदारी मांगने मामले में पुलिस ने पप्पू सोनार को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। वह भी रंगदारी मांगने से कुछ ही दिन पहले जेल से बाहर निकला था।