Move to Jagran APP

Acid attack : जिंदगी और मौत के फासले पर खड़ी है छात्रा, भीषण गर्मी में संक्रमण का खतरा

19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्‍ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 30 Apr 2019 01:49 PM (IST)Updated: Tue, 30 Apr 2019 04:20 PM (IST)
Acid attack : जिंदगी और मौत के फासले पर खड़ी है छात्रा, भीषण गर्मी में संक्रमण का खतरा
Acid attack : जिंदगी और मौत के फासले पर खड़ी है छात्रा, भीषण गर्मी में संक्रमण का खतरा

भागलपुर [जेएनएन]। जिंदगी और मौत के फासले पर खड़ी एसिड हमले में घायल छात्रा को गर्मी के मौसम में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। एसिड बर्न के चलते उत्पन्न त्वचा पर केमिकल रिएक्शन को कम करने के लिए दो चरणों में पीडि़ता की स्किन मल्टीपल सर्जरी की जा चुकी है। डाक्टरों के अनुसार इलाज की यह प्रक्रिया अभी लगातार जारी रहेगी। इसके लिए कई चरणों में सर्जरी करनी होगी। इलाज कर रहे डॉ. जयंत तपदार के अनुसार मरीज की दशा स्थिर जरूर है लेकिन उसे फिट होने का सर्टिफिकेट देना जल्दबाजी होगी। उन्होंने बताया कि एसिड अटैक से डैमेज हो चुके शरीर के विभिन्न हिस्से की सर्जरी मरीज की फिटनेस के हिसाब से की जाती रहेगी। पूरी तरह सुधार में अभी काफी वक्त लग सकता है।

loksabha election banner

बीएचयू के छात्रों ने बढ़ाया हाथ

बीएचयू के छात्र भी छात्रा की मदद के लिए आगे आए हैं। ड्रेसिंग के दौरान ब्लड के क्षरण से इसकी कमी का खतरा उत्पन्न होने लगा था। सूचना मिलते ही सिगरा स्थित हॉस्पिटल पहुंचे बीए प्रथम वर्ष के छात्र शुभम ने पीडि़ता को अपना ब्लड डोनेट करने का प्रस्ताव रखा। साथ ही छात्रा की जान बचाने को अपने दोस्तों की टोली को भी रक्तदान के लिए राजी कर लिया। शुभम ने बताया कि वह और उसके दोस्त पीडि़ता की सहायता के लिए सदा तैयार हैं।

पीडि़ता की मां स्वस्थ

भागलपुर में गत 19 अप्रैल को छात्रा पर हुए हमले के दौरान बीच बचाव करने में उसकी मां भी झुलस गई थीं। परिजनों को आतंकित करने के लिए हमलावर ने पीडि़ता की मां पर भी तेजाब फेंक दिया था। ज्वलनशील पदार्थ से हमले में उनकी बांह जल गई है। छात्रा के साथ उनका भी हॉस्पिटल में भर्ती कर इलाज चल रहा है। हालांकि एक छोटी सी सर्जरी और ट्रीटमेंट के बाद उन्हें छुट्टी दे दी जाएगी।

छात्रा के उपचार में महंगे खर्चों से बचने के लिए परिजन प्रशासन और सरकार से मदद की उम्मीद लगाये बैठे हैं। पीडि़ता के पिता ने बताया कि सिर्फ दवाओं में ही 25 से 30 हजार रुपये हर दिन खर्च हो रहा है। मध्यम परिवार के लिए इतना बड़ा खर्च वहन करना मुश्किल होता जा रहा है। अब बेटी के इलाज में प्रशासन और बिहार सरकार से ही सहयोग की उम्मीद लगाई जा रही है।

दिल्ली एम्स के सीनियर डॉक्टरों के निगरानी में चलेगा छात्रा का इलाज

वाराणसी के समयन अस्पताल में भर्ती एसिड पीडि़ता छात्रा का इलाज दिल्ली एम्स के सीनियर डॉक्टरों की निगरानी में चलेगा। इसके लिए अस्पताल के डॉक्टरों द्वारा चल रहे इलाज की रिपोर्ट एम्स के डॉक्टरों को भेजी गई है। इस संबंध में भाजपा नेता अर्जित शाश्वत चौबे ने एम्स के डॉक्टरों से बातचीत की है। अर्जित ने बताया कि मंगलवार को रिपोर्ट का अध्ययन करके, चिकित्सक अपनी राय देंगे। उन्होंने बताया कि वे और उनके पिता केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री व बक्सर सांसद अश्विनी कुमार चौबे लगातार छात्रा के स्वास्थ्य का अपडेट ले रहे हैं।

पीडि़ता को इलाज में बेहतर से बेहतर व्यवस्था मिले, इसके लिए प्रशासन भी हर तरह से प्रयासरत है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि यदि छात्रा के परिवार वाले और बेहतर संस्थान में छात्रा का इलाज कराना चाहते हैं तो वे ऐसा कर सकते हैंं। चूंकि खर्च राज्य सरकार को वहन करना है इस कारण रुपये की कोई दिक्कत नहीं है।

कंठ में घाव से जूस पीने में भी हो रही दिक्कत

छात्रा के स्थिति में बहुत ज्यादा सुधार नहीं दिख रहा है। छात्रा को कंठ में जख्म है। इस कारण उसे अब जूस लेने में भी परेशानी हो रही है। उसे बूंद-बूंद कर जूस दिया जा रहा है। वहीं प्रतिदिन हो रही ड्रेंसिंग के कारण उसे काफी दर्द होता है। डॉक्टर लगातार उसके स्वास्थ्य की निगरानी रख रहे हैं। उसके हाथ में अभी भी काफी सूजन है। छात्रा के उंगलियों में ज्यादा परेशानी है। ऐसे में कई छोटी छोटी सर्जरी छात्रा की हुई है। डॉक्टर उसे बचाने के लिए हर संभव प्रयास में लगे हुए हैं।

मिलाप संस्था के लोग आज पहुंचेंगे वाराणसी

कई संस्थाओं ने भी पीडि़ता के लिए फंड इकट्ठा किया है। परिवार के सदस्यों के मुताबिक मिलाप नाम की संस्था ने छात्रा के लिए 40 लाख से ज्यादा का चंदा इकट्ठा किया है। मंगलवार को मिलाप के कुछ सदस्य वाराणसी पहुंचेगे, जो चंदे का रुपये देने के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी करेंगे।

फोरेंसिक जांच के लिए पटना भेजे गए जब्त सामान

अलीगंज में एसिड से हमले की घटना के बाद जब्त सामान को फोरेंसिक विभाग, पटना भेज दिया गया है। इसके लिए सोमवार को केस के जांचकर्ता सह बबरगंज चौकी इंचार्ज मिथिलेश कुमार चौधरी ने न्यायालय में अनुमति के लिए अनुरोध किया था। इसकी अनुमति मिल गई। इसमें घर में बरामद कट्टा, गोली, सैंडिल, थैला और रूमाल आदि शामिल हैं। बता दें कि पुलिस गिरफ्तार अपराधियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल करने के पूर्व सारे सबूत इकट्ठा कर लेना चाहती है। वहीं इस जांच के आधार पर पुलिस अन्य फरार अपराधियों के बारे में पता कर रही है।

164 के बयान का अनुरोध करने के लिए वाराणसी भेजे गए दारोगा

वाराणसी के समयन अस्पताल में ही पुलिस छात्रा का न्यायिक अधिकारी के समक्ष बयान कराना चाहती है। छात्रा के हालत को देखते हुए पुलिस ने ऐसा निर्णय लिया है। बयान के लिए केस का अतिरिक्त जांचकर्ता बनाकर दारोगा ओमप्रकाश को सोमवार को वाराणसी भेज दिया गया है। वे अस्पताल में ही छात्रा के 164 के बयान के लिए मंगलवार को अर्जी दाखिल करेंगे। न्यायालय से अनुमति मिलते ही न्यायिक अधिकारी अस्पताल में ही छात्रा का बयान लेंगे। पूर्व में कार्यपालक दंडाधिकारी के समक्ष पुलिस ने पीडि़ता का बयान कलमबद्ध किया है।

डीआइजी ने जल्द रिपोर्ट देने का किया है अनुरोध

एफएसएल और डीएनए जांच के लिए सैंपल पटना भेज दिया गया है। अमूमन एफएसएल जांच का रिपोर्ट आने में सालों साल लग जाता है। इस कारण डीआइजी विकास वैभव ने संबंधित अधिकारियों से इस मामले में जल्द रिपोर्ट भेज देने का अनुरोध किया है। ताकि जांच का प्रभावी बनाया जा सके। वहीं अपराधियों के खिलाफ सबूत मिल सके। वहीं डीएनए जांच में इस बात का पता चलेगा कि घटना में प्रयुक्त सामनों को साथ कौन लेकर आए थे। यदि अपराधियों के डीएनए से बरामद सामनों के डीएनए से मेल खा जाता है तो सजा दिलाने में मदद मिलेगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.