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पीक पर कोरोना, भागलपुर में आक्सीजन प्लांट फेल, मुख्यालय ने सिविल सर्जन से पूछा ऐसा कैसे हुआ?

सदर अस्पताल में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर को देखते हुए प्लांट लगाया जा रहा था सीएस ने स्वास्थ्य विभाग को भेजी रिपोर्ट। सीएस की रिपोर्ट मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग आया हरकत में। विभाग ने सिविल सर्जन से मांगी विस्तृत रिपोर्ट।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Wed, 19 Jan 2022 07:24 AM (IST)Updated: Wed, 19 Jan 2022 07:24 AM (IST)
पीक पर कोरोना, भागलपुर में आक्सीजन प्लांट फेल, मुख्यालय ने सिविल सर्जन से पूछा ऐसा कैसे हुआ?
सिविल सर्जन पूरी जानकारी भेजने की तैयारी में जुटे।

जागरण संवाददाता, भागलपुर। एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर पीक पर है, वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में स्थापित आक्सीजन प्लांट फेल हो गया है। सिविल सर्जन डा. उमेश शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग को पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। पत्र मिलने के बाद मुख्यालय ने सिविल सर्जन से प्लांट आखिर क्यों नहीं चल रहा है? इसकी विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।

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स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन को पत्र भेजकर कहा है कि कार्यपालक निदेशक के नाम से एक रिपोर्ट बनाएं। उसमें यह जिक्र जरूर करें कि आखिर आक्सीजन प्लांट कार्य क्यों नहीं काम कर रहा है। अब तक कितना कार्य हुआ है। किस कंपनी की मशीन लगाई गई है। जो मशीन लगाई गई है उसमें क्या नहीं कार्य कर रहा है। इसके साथ ही आक्सीजन प्लांट से पाइपलाइन को बेड तक पहुंचाया गया है या नहीं। इसका भी रिपोर्ट में जिक्र करें। मुख्यालय से पत्र मिलने के बाद सिविल सर्जन विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में जुट गए हैं।

डीएम के निरीक्षण में सामने आई थीं खामियां

वैसे, सदर अस्पताल के प्लांट का निर्माण एनएचएआइ (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) बेगूसराय के जिम्मे था। यह पीएसए आक्सीजन जेनरेशन प्लांट से भी संचालित होगा। इसकी क्षमता एक हजार एलपीएम है। प्लांट निर्माण के दौरान एजेंसी की लापरवाही डीएम के निरीक्षण के दौरान ही उजागर हो गई थी। तब डीएम ने इस प्लांट का कार्य तय समय में पूरा करने का निर्देश दिया था। इसके बाद भी कार्य देरी से आरंभ किया गया। आनन-फानन प्लांट का ट्रायल कर दिया गया। प्लांट का ट्रायल किया गया उस समय बिजली की मुकम्मल व्यवस्था नहीं थी। किसी तरह बिजली व्यवस्था हुई तो आक्सीजन पाइपलाइन में कंप्रेशर का मामला लटक गया।

एक सप्ताह बाद भी मरम्मत के लिए नहीं आए इंजीनियर

आक्सीजन प्लांट को ठीक करने के लिए पटना से इंजीनियर बुलाया गया, लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी कंप्रेशर चालू नहीं हो सका। तब कोलकाता के इंजीनियर को बुलाने की बात कही गई, लेकिन एक सप्ताह से ज्यादा होने के बाद भी प्लांट ठीक करने इंजीनियर नहीं पहुंचे। सिविल सर्जन ने अपने पत्र में इस बात का भी जिक्र किया है।


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