Acid attack : फोरेंसिक जांच से सामने आएगी सच्चाई, पीड़िता की हालत फिर बिगड़ी
19 अप्रैल 2019 को भागलपुर के अलीगंज स्थित एक महोल्ले में रहने वाली इंटर की छात्रा पर घर में घुसकर तेजाब फेंक दिया था। छात्रा का इलाज वाराणसी में चल रहा है।
भागलपुर [जेएनएन]। फोरेंसिक टीम भी छात्रा पर हुए एसिड हमले की जांच में जुटी हुई है। घटना के दूसरे दिन 20 अप्रैल को जब फोरेंसिक विभाग की टीम घटनास्थल पर पहुंची तो परिजनों द्वारा बताई गई कहानी टीम को नहीं पची। मामले में छात्रा की मां का कहना था कि बेटी का हाथ पकड़ कर उस पर एसिड डाला गया। इसके बाद बेटी हॉल में गिरकर छटपटाने लगी। तब जलन कम करने के लिए उसे दूध लगाना शुरू किया। लेकिन जब टीम जांच के लिए पहुंची तो वहां दूध का कोई अंश फोरेंसिक टीम को नहीं मिला।
पानी से पोछने की बात चली है पता
फोरेंसिक विभाग की टीम को घटनास्थल के आसपास जमीन पर एसिड का कहीं छींटा नहीं मिला। मानो घटनास्थल को पानी से पोंछ दिया गया हो। ऐसे में फोरेंसिक की प्राथमिक रिपोर्ट इस मामले में काफी महत्वपूर्ण है। पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि एसिड हमले के बाद घटनास्थल पर इतनी सफाई क्यों थी। पुलिस ने इसके लिए घटना के दिन की कई फोटो को भी जांच के लिए फोरेंसिक को भेजेगी। ताकि बताई गई घटना और फोटो में मिलान किया जा सके।
पीडि़ता, मां और पिता के बयान में है काफी विरोधाभाष
इस मामले में घटना के दिन मां के बयान और बाद में पुलिस को दिए बयान में काफी अंतर है। पीडि़ता और उसके पिता के बयान से भी मां का बयान मेल नहीं खा रहा है। 19 की रात मायागंज अस्पताल में पीडि़ता की मां का बयान था कि तीन नकाबपोश लड़के छत के रास्ते घर में घुसे। उसमें से एक ने उन्हें पकड़कर कट्टा सटा दिया। दूसरे ने बेटी को पकड़ा और तीसरे ने उस पर एसिड डाल दिया। उन्होंने तीनों को पहचानने से भी इंकार किया था। लेकिन दो दिन बाद उन्होंने पुलिस को बताया कि घटना के समय प्रिंस और राज यादव के साथ अन्य तीन लड़के वहां मौजूद थे। प्रिंस के कहने पर नकाबपोश बदमाश ने बेटी पर एसिड फेंक दिया।
विरोधाभाषी बयान के कारण सच्चाई लाने में हांफने लगी पुलिस
जबकि पीडि़ता के पिता ने प्राथमिकी में प्रिंस पर आरोप लगाया है कि उसने ही बेटी पर एसिड फेंका है। उसमें राजा का नाम भी नहीं है। जबकि राजा को उसके पिता, मां भाई समेत अन्य लोग भी अच्छी तरह जानते हैं। ऐसे में मामले में अलग अलग बयानों के कारण कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। बयानों के विरोधाभाष के कारण पुलिस भी सच्चाई सामने लाने में हांफने लगी है। हालांकि पूरी घटना में डीएनए जांच, वैज्ञानिक जांच और तकनीकी जांच की पूरी रिपोर्ट महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।
फोरेंसिक टीम ने तीन घंटे तक खंगाला आरोपित व पीडि़ता का घर
फोरेंसिक टीम बुधवार को अलीगंज पहुंची। टीम में शामिल वैज्ञानिकों ने पीडि़ता और आरोपित प्रिंस के घर को करीब तीन घंटे तक खंगाला। इस दौरान करीब आधा दर्जन एसिड की बोतलें टीम ने जब्त की है। उसमें से एसिड के अंश को लेकर जांच के लिए ले गई है। पीडि़ता के घर से भी एक एसिड का बोतल बरामद हुआ है। फोरेंसिक टीम ने फिर से बताई गई घटना को लेकर डेमो कर घटनास्थल की मैपिंग की। बदमाशों द्वारा घर में छोड़े गए किसी अन्य सामानों को ढूंढने के लिए पुलिस ने पूरे घर को खंगाला।
वाराणसी से मंगाई गई चाबी
घटना के दूसरे दिन छात्रा को लेकर उसके पिता वाराणसी चले गए थे। घर के दो कमरे में उन्होंने ताला लगा दिया था। इस कारण फोरेंसिक की टीम को मैपिंग और जांच करने में दिक्कत हो रही थी। इस कारण पुलिस ने छात्रा के भाई को चाबी लाने के लिए वाराणसी भेजा। बुधवार को चाबी लाने के बाद कमरे को खोलकर मैपिंग के साथ जांच की गई। अब फोरेंसिक की टीम इस मामले में अपनी रिपोर्ट जल्द पुलिस को सौंपेगी।
राजा के डीएनए जांच के लिए खून लेने की कोर्ट ने दी अनुमति
छात्रा पर एसिड हमले के आरोपित राजा यादव को जेल से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी आनंद कुमार सिंह की अदालत में गुरुवार को पेश किया गया। बबरगंज थानाध्यक्ष मिथिलेश कुमार चौधरी ने न्यायालय में अर्जी दी थी कि आरोपित के खून का नमूना लेना है। इसके लिए जेल के डॉक्टर को निर्देशित करने की गुहार लगाई थी। एसिड हमले के घटनास्थल पर एक झोला और रूमाल बरामद हुआ था। बबरगंज थानाध्यक्ष ने यह सामान राजा यादव का बताया है। इसका जिक्र अर्जी में करते हुए आरोपित राजा यादव के खून का नमूना लेना जरूरी बताया था। ताकि डीएनए जांच के माध्यम से झोला और रूमाल का मिलान कराया जा सके। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी सिंह ने गुरुवार को अर्जी पर सुनवाई पूरी करते हुए ब्लड सैंपल लेने का आदेश जारी कर दिया है। सुनवाई के दौरान अदालत में पेश आरोपित राजा यादव से भी ब्लड सैंपल लेने को लेकर लिखित मर्जी भी ली गई। राजा ने न्यायालय के समक्ष कहा कि वह अपना ब्लड सैंपल देने को तैयार है। उसे इसको लेकर कोई आपत्ति नहीं है।
एसिड हमले के ठीक पहले अपने अभिषेक से बात कर रही थी पीडि़ता
एसिड से हमले के ठीक पहले पीडि़ता अपने दोस्त अभिषेक से बात कर रही थी। तकनीकी जांच में इस बात की जानकारी पुलिस को लगी है। हालांकि परिवार वाले पूर्व में इस बात से इंकार कर रहे थे। लेकिन तकनीकी जांच में इस बात का पता पुलिस को चला है। पुलिस ने इस लेकर पूर्व में अभिषेक से भी पूछताछ की थी। जिसमें उसने और कई जरूरी जानकारियां पुलिस को दी थी। पुलिस ने उसका मोबाइल भी सीज किया था। लेकिन पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। वहीं गुरूवार को लल्ला यादव को पुलिस ने पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।
एसिड हमला मामले में पूछताछ के लिए पहुंचा लाल मोहन
छात्रा पर हुए एसिड हमला मामले में अलीगंज गंगटी निवासी लाल मोहन यादव उर्फ लल्ला यादव बुधवार को पूछताछ के लिए बबरगंज पुलिस चौकी पहुंचा। उसे घटना के बाद से पुलिस पूछताछ के लिए बुला रही थी। लेकिन वह डर से छिपा हुआ था। लल्ला यादव ने पुलिस को पूछताछ में कई जानकारियां दी है। उसने इस घटना में खुद की संलिप्तता से इन्कार करते हुए घटना के दिन शाम की पूरी कहानी पुलिस को बताई है।
उसने कहा कि वह अपनी कुछ दोस्तों के साथ गंगटी स्थित एक मंदिर के पास बैठा हुआ था। शाम में अचानक प्रिंस रोते हुए वहां पहुंचा और उन लोगों को एसिड हमले की कहानी बताई। इसके बाद उसने कहा कि लड़की के पिता उसे ही फंसाने की बात कर रहे हैं। यह बात सुनने के बाद वे लोग अपने घर चले गए। इसी बीच रात में अचानक पुलिस उन लोगों को ढूंढने लगी तो डर से वे लोग वहां से भाग निकले। उसने कहा कि बाकी लोग भी इस मामले में पूछताछ के लिए आ जाएंगे। उसने कहा है कि यदि उसकी थोड़ी भी संलिप्तता इस मामले में आती है तो उसे सजा दे दी जाए।
पीडि़ता का स्वास्थ्य बिगड़ा, सर्जरी टली
एसिड अटैक पीडि़त छात्रा का स्वास्थ्य गुरुवार को बिगड़ गया। उल्टी व बुखार की शिकायत के कारण डाक्टर सकते में आ गए। चिकित्सा विशेषज्ञ दल बुला कर स्वास्थ्य की जांच कराई गई। उनके परामर्श के आधार पर सर्जरी टाल दी गई। डा. जयंत तपदार के अनुसार स्वास्थ्य में सुधार होने के बाद ही सर्जरी की तिथि नियत की जाएगी। भागलपुर में एसिड अटैक के कारण गंभीर हाल युवती को सिगरा स्थित समयन हास्पिटल में भर्ती कराया गया है। यहां उसकी एक बार मल्टीपल सर्जरी की जा चुकी है। फिलहाल शरीर के विभिन्न हिस्सों से जलने के कारण मृत त्वचा हटाने का काम चल रहा है ताकि साथ-साथ प्लास्टिक सर्जरी भी की जा सके।
इलाज में धन का रोड़ा,
सरकार से मदद की गुहार
एसिड बर्न की सर्जरी और ट्रीटमेंट में मंहगे खर्च से परिजनों का धैर्य अब टूटने लगा है। लगातार 12 दिनों के उपचार में अपनी जमा पूंजी गंवा चुके बिटिया के पिता को अब सरकार और प्रशासनिक मदद की दरकार है। महंगे खर्चों के बीच इलाज को जारी रखने के लिए परिजन ने मुख्यमंत्री राहत कोष से अनुदान राशि की मांग की है। पीडि़ता के पिता ने बताया कि इस बाबत बिहार के मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र भागलपुर के डीएम को सौप दिया गया है। उन्होंने बताया कि छात्रा का उपचार लंबे समय तक चलेगा। महंगे खर्चं वहन करना एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। अब सरकार का ही भरोसा है।
प्लास्टिक सर्जरी से पहले हटाई जाएगी मृत त्वचा
भागलपुर में एसिड हमले की शिकार छात्रा की प्लास्टिक सर्जरी में अभी और समय लग सकता है। एसिड से बुरी तरह झुलस चुके सिर, गर्दन, चेहरे सहित अन्य भाग की मृत त्वचा को अभी पूरी तरह नहीं हटाया जा सका है। केमिकल रिएक्शन से शरीर की मांसपेशियां व अंदरूनी हिस्से भी प्रभावित हुए हैं। ऐसे में मृत त्वचा (डेड स्किन) को हटाने के लिए क्षत शोधन (डीब्राइडमेंट) की प्रक्रिया की जा रही है। डाक्टरों के अनुसार प्लास्टिक सर्जरी की सफलता के लिए त्वचा से क्षतिग्रस्त भाग को हटाया जाना जरूरी है। शरीर को प्रचुर मात्रा में आहार के लिए ड्रिप से पोषक आहार दिया जा रहा है। डा. जयंत तपदार ने बताया कि छात्रा की आंख ठीक है। नेत्र विशेषज्ञ ने जांच कर इसकी पुष्टि कर दी है।
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