कोसी के किसानों को केसीसी का नहीं मिल रहा लाभ, महज 27 फीसद लक्ष्य हो सका पूरा, बैंकों के पास आवेदन पेंडिंग
कोसी के किसानों को केसीसी का लाभ नहीं मिल रहा है। अब तक महज 27 फीसद लक्ष्य पूरा हो सकता है। दरअसल ज्यादातर किसानों का आवेदन बैंकों के पास लंबित है। ऐसे में यहां के किसान केसीसी की सुविधा से...
संस, सहरसा। सरकार किसानों की आय दोगुना करने की बात कर रही है, इसके लिए कई योजनाएं भी चलाई गई है, परंतु किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने में जिले का लगभग सभी बैंक कंजूस बना हुआ है। सरकार ने कृषि क्षेत्र की उन्नति के लिए किसानों को मामूली ब्याज पर क्रेडिट कार्ड देने की जो सुविधा उपलब्ध कराया, उससे जिले हजारों सैकड़ों किसान वंचित हैं।
चालू वित्तीय वर्ष के नौ महीने से अधिक समय बीत जाने के बाद भी जहां नवीनीकरण का कार्य काफी पीेछे चल रहा है, वहीं नए केसीसी के लक्ष्य की अपेक्षा महज 27.28 फीसद उपलब्धि हासिल की गई है। केसीसी के लिए किसान दौड़भाग तो कर रहे हैं, परंतु बैंक इस कार्य में रूचि नहीं ले रहा है।
अबतक महज 1802 नए किसानों को मिल सका केसीसी
जिला साख समिति ने वित्तीय वर्ष 2021-22 में 9543 किसानों को 7633 लाख के क्रेडिट देने का लक्ष्य निर्धारित किया, परंतु अबतक मात्र 1802 किसानों को 2128 लाख का केसीसी दिया जा सका। पूर्व से जिन किसानों को केसीसी का लाभ प्राप्त है, उसमें भी दो हजार से अधिक किसानों का नवीकरण शेष है। अबतक 14765 किसानों के नवीकरण मद में 14197 लाख का केसीसी दिया गया।
अर्थात अबतक पुराने और नए मिलाकर कुल 16567 किसानों को 16325 लाख का केसीसी किया गया है। जबकि सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान निधि का लाभ प्राप्त करनेवाले लाभुकों के मात्र आवेदन पर केसीसी का लाभ किसानों को देने का निर्देश बैंकों को दिया था, बावजूद इसके बैंक इस मामले में उदासीन बना हुआ है।
क्या कहते हैं किसान
महेशपुर के किसान व्यास यादव कहते हैं कि एकतरफ बिना जमीनवाले लोग केसीसी का लाभ ले रहे हैं और दूसरी ओर जमीनवाले किसानों को तरह- तरह का बहाना बनाकर बैंक परेशान कर रहा है। धमसैनी से रामनाथ सिंह का कहना है कि जिन किसानों को प्रधानमंत्री किसान निधि का लाभ मिल रहा है, उसका कागजात पहले से ही पोर्टल पर आनलाइन है। बावजूद इस योजना से संबंधित लाभुक को भी बैंकों द्वारा परेशान किया जा रहा है। ऐसे में लोग थक हारकर योजना का लाभ लेने के प्रति निराश हो जाते हैं।
केसीसी के मामले में कुछ बैंक उदासीन है। इसकी समीक्षा कर जिलाधिकारी स्तर से शीघ्र ही संबंधित बैंक के वरीय अधिकारियों को पत्र भेजा जाएगा। -राजेश कुमार पांडेय, अग्रणी बैंक प्रबंधक, सहरसा।