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पारवो के प्रकोप से सहमे भागलपुर के डॉग लवर, इस तरह आधा किमी दूर से फैल रहा संक्रमण

भागलपुर में डॉग में एक खास तरह का वायरस पारवो फैला हुआ है जिससे लगातार डॉग की मौत हो रही है। दरसअल ठंड के मौसम में इस वायरस का प्रकोप बढ़ जाता है। ये वायरस ज्यादातर पामेरियन जर्मन शेफर्ड लेब्राडोर और पग नस्ल में ज्यादा मिल रहा है।

By Abhishek KumarEdited By: Published: Sat, 16 Jan 2021 10:14 AM (IST)Updated: Sat, 16 Jan 2021 10:14 AM (IST)
पारवो के प्रकोप से सहमे भागलपुर के डॉग लवर, इस तरह आधा किमी दूर से फैल रहा संक्रमण
अस्‍पताल में बीमार कुत्‍ते की जांच करते डॉक्‍टर।

भागलपुर [बलराम मिश्र]। इन दिनों जिले के डॉग लवर एक खतरनाक वायरस के प्रकोप से सहमे हुए हैं। डॉग में एक खास तरह का वायरस पारवो फैला हुआ है, जिससे लगातार डॉग की मौत हो रही है। इसके प्रकोप का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि आधा किलोमीटर दूरी से भी इस वायरस से डॉग संक्रमित हो रहे हैं। ऐसे में यह वायरस डॉग पालने वाले लोगों के लिए चिंता का सबब बन गया है। हर दिन जिला पशु अस्पताल में आधा दर्जन से ज्यादा संक्रमित डॉग को इलाज के लिए लाया जा रहा है। ये वायरस ज्यादातर पामेरियन, जर्मन शेफर्ड, लेब्राडोर और पग नस्ल में ज्यादा मिल रहा है।

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छोटे डॉग में तेजी से फैलता है

जिला पशु अस्पताल के चिकित्सक डॉक्टर गिरीश सिन्हा ने बताया कि यह वायरस डॉग को काफी तेजी से अपने चपेट में लेता है। जिससे समय पर इलाज नहीं होने से उनकी मौत हो जाती है। डॉ. सिन्हा ने बताया कि यह दो से तीन माह के छोटे डॉग में तेजी से फैलता है। उन्हें इस वायरस के प्रकोप से बचाने के लिए जन्म के 35 दिन पर पहला पारावे वायरस का टीका लगाया जाता है। दूसरा टीका 45-60 दिनों के भीतर और 75-90 दिनों के भीतर तीसरा टीका दिया जाता है। तभी वे इस वायरस से बचे रहेंगे। अन्यथा वे इसकी चपेट में आसानी से आ सकते हैं।

क्या है वायरस का लक्षण

पारवो वायरस से ग्रस्त डॉग को उल्टी और गंध युक्त खूनी दस्त शुरू हो जाती है। ऐसे में डॉगी खाना-पीना छोड़ देते हैं। यह वायरस सात दिनों तक डॉग में सक्रिय रहता है। इस बीच ही डॉग इतने कमजोर हो जाते हैं कि उन्हें बचा पाना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में लक्षण दिखते ही डॉग को तत्काल इलाज के लिए ले जाने की जरूरत है। ताकि समय से उनका इलाज हो सके।

डॉ. गिरीश ने बताया कि उनके पास अक्टूबर से लगातार ऐसे मामले आ रहे हैं। जिसमें सुल्तानगंज, नाथनगर, सबौर, जीरोमाइल समेत अन्य इलाकों से डॉग रखने वाले लोग पहुंच रहे हैं। उनका कहना है कि यह ठंड में इस वायरस का ज्यादा प्रकोप देखने को मिलता है। ज्यादा तापमान पर इस वायरस का प्रकोप नहीं होता है। जिला पशु अस्पताल में डॉ. गिरीश के अलावा डॉ. प्रवीण कुमार सिंह, डॉ. अनिल कुमार और दीपक कुमार इलाज में लगे हैं।  


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