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मुजफ्फरपुर से जुड़ा है विकास को कैदी वार्ड से भगाने का तार Bhagalpur News

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विकास सुबह शौच के बहाने होमगार्ड जवान के साथ बाहर निकला। शौच के बाद लौटते समय कुछ लड़के उसके समीप आए और उसके हाथ में मिर्ची पाउडर चुपके से दे दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Tue, 20 Aug 2019 02:02 PM (IST)Updated: Tue, 20 Aug 2019 02:02 PM (IST)
मुजफ्फरपुर से जुड़ा है विकास को कैदी वार्ड से भगाने का तार Bhagalpur News
मुजफ्फरपुर से जुड़ा है विकास को कैदी वार्ड से भगाने का तार Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। सीतामढ़ी जिले के कुख्यात अपराधी विकास झा उर्फ कालिया को छुड़ाने के लिए कई दिनों से रणनीति बन रही थी। इसके तार मुजफ्फरपुर जिले से जुड़ गया है। पुलिस को जांच में एक ठेकेदार की भूमिका संदिग्ध मिली है। पुलिस उसके बारे में पता लगा रही है। वांछित के अस्पताल से भागने की पूरी घटना वहां लगे कई सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई है। पुलिस उसकी भी जांच कर रही है। वीडियो फुटेज में पुलिस संदिग्धों की भूमिका तलाश रही है। जांच में पता चला है कि विकास का मौसेरा भाई आयुष चार दिनों से लगातार उससे मिलने के लिए आ रहा था। लेकिन किसी को इस बात की भनक नहीं थी कि वह उसे छुड़ाने की साजिश करेगा।

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गैंग के गुर्गों की हत्या का बदला लेगा विकास

विकास, कुख्यात संतोष झा गिरोह का सक्रिय शार्प शूटर था। संतोष का विकास खास आदमी था। 28 अगस्त 2018 को सीतामढ़ी स्थित कोर्ट परिसर में पेशी के लिए पहुंचे संतोष झा की गोली मार हत्या कर दी गई थी। उस वक्त विकास भी जेल में बंद था। संतोष की हत्या के बाद उसके एक के बाद एक कई गुर्गे विभिन्न जगह मारे गए। जिससे उसका गिरोह कमजोर हो गया। विकास के फरार होने के बाद अब गैंगवार की आशंका बढ़ गई है। पुलिस आशंका जता रही है कि वह अपने आका का बदला लेने के लिए और लोगों की हत्या कर सकता है।

दरभंगा में डबल इंजीनियर मर्डर के बाद आया था चर्चा में

26 दिसंबर 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थाना इलाके में दिनदहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने एसएच -88 का निर्माण करा रही सी एंड सी/ बीएससी ज्वाइंट वेंचर कंपनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार को एके -56 से भून डाला था। घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने मुकेश पाठक और विकास झा उर्फ कालिया जिंदाबाद के नारे लगाए थे। पुलिस जांच में घटना के पीछे निर्माण कंपनी से करोड़ों की रंगदारी की मोटी रकम उगाही की बात सामने आई थी। इसमें कुख्यात संतोष झा गिरोह (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के हाथ होने का संकेत मिला। एके-56 चलाने में विकास का नाम सामने आया था। विकास झा इसी घटना के बाद ज्यादा चर्चा में आ गया। इस मामले में विकास को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

इंजीनियर हत्याकांड में 2015 में हुई थी गिरफ्तारी

दरभंगा में डबल इंजीनियर हत्याकांड के शूटर विकास झा उर्फ कालिया समेत तीन शातिरों को पुलिस ने 31 दिसंबर 2015 को नेपाल से गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में था।

नेपाल से 2014 में पकड़ाया था विकास

विकास ने एक के बाद एक बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। उसने 31 जुलाई 2013 को बाजपट्टी के मसहा गांव में पुल निर्माता कंपनी कंकड़ बाग पटना के सिलीकोना टेक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के संवेदक 43 वर्षीय अनुपम कुमार की हत्या अपने सहयोगियों के साथ कर दी। इसके अलावा बेलसंड व लगमा में कई अभियंता व संवेदकों की हत्या में वह शामिल रहा। वारदात के बाद विकास काठमांडू चला गया था। 18 अगस्त 2013 को एसटीएफ पटना की टीम ने नेपाल से संतोष झा गिरोह के दो कान्ट्रैक्ट किलर विकास झा उर्फ कालिया व चिरंजीवी सागर को गिरफ्तार किया था।

पहले भी भाग चुका है कोर्ट परिसर से

विकास झा पूर्व में भी रिमांड होम और कोर्ट परिसर से पुलिस को चकमा देकर भाग निकला है। तीन फरवरी 2014 को कोर्ट परिसर से कुख्यात विकास झा हथकड़ी समेत फरार हो गया था। विकास जब पेशी के लिए सीतामढ़ी कोर्ट लाया गया। तभी उसके गुर्गे ने पुलिस वाले को पिस्टल सटा दिया। इसके बाद उनकी आंखों में गुल पाउडर झोंक दिया। विकास बाइक सवार गुर्गों के साथ भाग निकला था।


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