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सीतामढ़ी का कुख्यात विकास झा JLNMCH से होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पावडर छिड़क कर फरार Bhagalpur News

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विकास सुबह शौच के बहाने होमगार्ड जवान के साथ बाहर निकला। शौच के बाद लौटते समय कुछ लड़के उसके समीप आए और उसके हाथ में मिर्ची पाउडर चुपके से दे दिया।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 19 Aug 2019 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 19 Aug 2019 11:20 AM (IST)
सीतामढ़ी का कुख्यात विकास झा JLNMCH से होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पावडर छिड़क कर फरार Bhagalpur News
सीतामढ़ी का कुख्यात विकास झा JLNMCH से होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पावडर छिड़क कर फरार Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। सीतामढ़ी जिले का कुख्यात अपराधी विकास झा उर्फ कालिया जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, मायागंज स्थित कैदी वार्ड से होमगार्ड जवान के आंख में मिर्ची पाउडर झोंक कर सोमवार की सुबह फरार हो गया है। पुलिस ने विकास को छुड़ाने आए उसके भाई आयुष कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि विकास झा को मिर्ची का पाउडर उपलब्ध कराने वाला लड़का पुलिस को चकमा देकर भाग निकलने में सफल रहा। विकाश झा, कुख्यात गैंगस्टर संतोष झा व मुकेश पाठक गिरोह का शार्प शूटर है। वह नार्थ लिबरेशन आर्मी का सक्रिय सदस्य है। वह बथनाहा थाना के बथनाहा पूर्वी टोला का रहने वाला है।

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घटना की बाबत प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विकास झा सुबह शौच के बहाने होमगार्ड जवान के साथ बाहर निकला। शौच के बाद लौटते समय कुछ लड़के उसके समीप आए और उसके हाथ में मिर्ची पाउडर चुपके से दे दिया। विकास ने मिर्ची पाउडर होमगार्ड जवान सिया शरण दास के आंख में झोंक दिया और वह भाग निकला। बता दें कि विकास झा हत्या के मामले में सजायाफ्ता है। आठ अगस्त को उसे इलाज के लिए मायागंज अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था। सीतामढ़ी से उसे प्रशासनिक दृष्टिकोण से कैंप जेल लाया गया था। सीतामढ़ी के अलावा पूरे बिहार में उस पर दर्जनों संगीन मामले दर्ज हैं।

दरभंगा में डबल इंजीनियर मर्डर केस केस के बाद आया था चर्चा में

26 दिसंबर 2015 को दरभंगा के बहेड़ी थाना इलाके के मध्य विद्यालय शिवराम के निकट दिनदहाड़े बाइक सवार बदमाशों ने एसएच -88 का निर्माण करा रही सी एंड सी/बीएससी ज्वाइंट वेंचर कंपनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार को एके -56 से भून डाला। घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों ने मुकेश पाठक और विकास झा जिंदाबाद के नारे लगाए था। पुलिस जांच में घटना के पीछे निर्माण कंपनी से रंगदारी की मोटी रकम उगाही की बात सामने आई थी। इसमें कुख्यात संतोष झा गिरोह (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के हाथ होने के संकेत मिला। विकास झा इसी के बाद चर्चा में आया था। इस मामले में विकास को कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

इंजीनियर हत्याकांड में 2015 में हुई थी गिरफ्तारी

दरभंगा में डबल इंजीनियर हत्याकांड के शूटर विकास झा उर्फ कालिया समेत तीन शातिरों को पुलिस ने 31 दिसंबर 2015 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह जेल में था।

नेपाल से 2014 में पकड़ाया था विकास

विकास ने एक के बाद एक बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है। उसने 31 जुलाई 2013 को बाजपट्टी के मसहा गांव में पुल निर्माता कंपनी कंकड़ बाग पटना के सिलीकोना टेक इंडिया प्राईवेट लिमिटेड कंपनी के संवेदक 43 वर्षीय अनुपम कुमार की हत्या अपने सहयोगियों के साथ कर दी। इसके अलावा बेलसंड व लगमा में कई अभियंता व संवेदकों की हत्या में वह शामिल रहा। वारदात के बाद विकास काठमांडू चला गया था। 18 अगस्त 2013 को एसटीएफ पटना की टीम ने नेपाल से संतोष झा गिरोह के दो कान्ट्रैक्ट किलर विकास झा उर्फ कालिया व चिरंजीवी सागर को गिरफ्तार किया था।

पहले भी भाग चुका है कोर्ट परिसर से

भागलपुर की तर्ज पर वह पूर्व में भी रिमांड होम और कोर्ट परिसर से पुलिस वालों को चकमा देकर भाग निकला है। तीन फरवरी 2014 को कोर्ट परिसर से कुख्यात विकास कुमार झा उर्फ कालिया हथकड़ी समेत फरार हो गया था। कालिया के एक सहयोगी ने पिस्टल का भय दिखा आरक्षी के आंख में गुल झोंक कर कालिया को छुड़ाने में सफलता पाई थी।


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