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JLNMCH शिशु विभाग के अध्यक्ष ने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ इस तरह के महत्वपूर्ण टिप्स Bhagalpur News

बच्चों को खुले में रखी खाद्य सामग्री नहीं देनी चाहिए। इसमें शुद्धता की गारंटी नहीं रहती। इससे टायफायड और जॉडिंस जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Mon, 14 Oct 2019 09:59 AM (IST)Updated: Mon, 14 Oct 2019 09:59 AM (IST)
JLNMCH शिशु विभाग के अध्यक्ष ने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ इस तरह के महत्वपूर्ण टिप्स Bhagalpur News
JLNMCH शिशु विभाग के अध्यक्ष ने बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ इस तरह के महत्वपूर्ण टिप्स Bhagalpur News

भागलपुर [जेएनएन]। दैनिक जागरण कार्यालय में लोकप्रिय कार्यक्रम हेलो डॉक्टर का आयोजन हुआ। इसमें जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल के शिशु विभाग के अध्यक्ष डॉ. केके सिन्हा ने फोन के माध्यम से पाठकों के सवालों का समाधान किया। उन्होंने कहा कि अगर दो माह में एक बार सर्दी-खांसी और बुखार होता है तो चिंता करने की बात नहीं है। अगर इससे ज्यादा होता है तो जांच करवाने की आवश्यकता होती है।

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उन्होंने कहा कि कभी भी बच्चों को खुले में रखी खाद्य सामग्री नहीं देनी चाहिए। इसमें शुद्धता की गारंटी नहीं रहती। इससे टायफायड और जॉडिंस जैसी बीमारी होने की आशंका रहती है। अभी मौसम बदल रहा है। इस मौसम में वायरस सक्रिय रहते हैं। कोल्ड ड्रिंक और आइसक्रीम खाने से गले में संक्रमण होता है। बच्चों को प्रोटीनयुक्त भोजन देना चाहिए। चने की दाल, मौसमी फल और सत्तू आदि में प्रोटीन की मात्रा ज्यादा रहती है। भविष्य में खसरा, टायफायड, जॉडिंस से बचाव के लिए बच्चों का टीकाकरण अवश्य करवाना चाहिए। सभी टीके सरकारी अस्पतालों में निशुल्क उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि मां का दूध सर्वोत्तम आहार है। इससे बच्चों में रोग से लडऩे की क्षमता विकसित होती है। कई अभिभावकों को इस बात से भी चिंता रहती है कि बच्चा कुछ खाता नहीं है। अगर उम्र के मुताबिक बच्चे का वजन ठीक है तो चिंता नहीं करनी चाहिए। जब बच्चे को भूख लगेगी तो वह खुद खाना मांगेगा। वजन कम है तब चिकित्सक से दिखाएं।

प्रश्न : 19 वर्ष का लड़का है। उसके सिर के बाल गिर रहे हैं। सिगरेट भी पीता है। - महर्षि कुमार, भागलपुर

तनाव की वजह से भी सिर के बाल टूटते हैं। इसके अलावा बार-बार शैंपू बदलने से भी यह समस्या आती है। शैंपू में मौजूद अमोनिया बालों को प्रभावित करता है। प्रोटीनयुक्त भोजन करें। सिगरेट नहीं पीएं।

प्रश्न : दो वर्ष का बच्चा है। उसे सर्दी-खांसी और बुखार है। - वीर शंकर मंडल, कहलगांव

अगर दो माह में सर्दी-खांसी और बुखार होता है तो यह सामान्य है। इससे ज्यादा बीमार होने पर सीबीसी की जांच करवाने से बीमारी की जानकारी मिलती है। सर्दी है तो नेजल ड्रॉप डालें।

प्रश्न : साढ़े तीन वर्ष का बच्चा है। दो दिनों में शौच करता है। गैस्टिक भी है। - विशाल, नवगछिया

पानी ज्यादा पिलाएं। दूध में चीनी की मात्रा बढ़ा दें। इससे कब्जियत दूर होगी।

प्रश्न : 11 वर्ष की बेटी है। जब भी मोजा पहनती है तो पैर में लाल दाने निकल जाते हैं। - मो. अकरम वारसी, हबीबपुर

नायलन का मोजा नहीं पहनाएं, सूती का पहनाएं। अगर फिर भी लाल दाने निकलते हैं तो चिकित्सक से दिखा लें।

प्रश्न : नौ वर्ष का बेटा है। पिछले दो माह से रात में बिस्तर पर पेशाब करता है। - तनूजा कुमारी, अकबरनगर

विकोलाय भी हो सकता है, पेशाब की जांच करवा लें। शाम तक दूध पिला दें। रात को सोने के पहले पेशाब करवाएं।

प्रश्न : 11 वर्ष का लड़का है। बराबर सर्दी-खांसी रहती है। - बम शंकर साह, घोघा

मौसम परिवर्तन की वजह से सर्दी होती है। फ्रिज का पानी नहीं पिलाएं। आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक पिलाने से परहेज करें। एसी और पंखा भी नहीं चलाएं।

प्रश्न : छह वर्ष का लड़का है, उसे भूख नहीं लगती। - सतीश कुमार मंडल, एकचारी

इस उम्र में बच्चे का वजन 20 किलोग्राम रहना चाहिए। अगर वजन ठीक से तो चिंता की बात नहीं है। अगर वजन कम है तो जांच करवा लें।

प्रश्न : एक माह का बच्चा है। रोता ज्यादा है। - निरंजन , अकबरनगर

जन्म से तीन माह तक बच्चों में नाक बंद रहने की समस्या सामान्य है। इससे बच्चे को सोने में परेशानी होती हे। दिन में बच्चा ज्यादा सोता है। रात में कम। रात में बच्चों के नाक ज्यादा बंद रहते हैं।


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