Move to Jagran APP

जनसंख्या नियंत्रण : भार सिर्फ महिलाओं पर, पुरुष खुद पर नहीं करते अमल, जानिए... Bhagalpur News

भागलपुर जिले में 1139 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाए तो नसबंदी करवाने वाले पुरुषों की संख्या मात्र छह है। पुरुष परिवार नियोजन में रूचि नहीं दिखाते। जबकि राशि भी ज्‍यादा दी जाती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 31 Oct 2019 10:10 AM (IST)Updated: Thu, 31 Oct 2019 10:10 AM (IST)
जनसंख्या नियंत्रण : भार सिर्फ महिलाओं पर, पुरुष खुद पर नहीं करते अमल, जानिए... Bhagalpur News
जनसंख्या नियंत्रण : भार सिर्फ महिलाओं पर, पुरुष खुद पर नहीं करते अमल, जानिए... Bhagalpur News

भागलपुर [अशोक अनंत]। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर सरकार द्वारा चलाए जा रहे कई कार्यक्रमों के बावजूद महिलाओं की तुलना में पुरुष नसबंदी के आंकड़े शर्मनाक हैं। जबकि पुरुषों को नसबंदी की क्षतिपूर्ति राशि महिलाओं की तुलना में ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में परिवार नियोजन में भागीदारी निभाने वाली 99.71 फीसद महिलाओं पर पुरुषों की संख्या केवल 0.28 फीसद है। यही हाल भागलपुर जिले का भी है। जिले में 1139 महिलाओं ने बंध्याकरण करवाए तो नसबंदी करवाने वाले पुरुषों की संख्या मात्र छह है।

loksabha election banner

इतनी मिलती है प्रोत्साहन राशि

पुरुष नसबंदी -3000 रु

बंध्याकरण -2000 रु

प्रसव के बाद बंध्याकरण -3000 रु

प्रसव के बाद कॉपर-टी 300 रु

गर्भपात के बाद कॉपर-टी 300 रु

एमपीए-अंतरा सूई 100 रु

केवल चार प्रखंडों में हुई नसबंदी

जिले के मात्र चार प्रखंडों में छह पुरुषों की नसबंदी की गई। इनमें खरीक में तीन, गोराडीह में एक नायायणपुर में एक और जिला अस्पताल में एक पुरुष शामिल है। वहीं, सुल्तानगंज, पीरपैंती, शाहकुंड, नाथनगर, जगदीशपुर, सबौर, कहलगांव, शाहकुंड, गोपालपुर, इस्माइलपुर, बिहपुर और सन्हौला में एक भी पुरुष की नसबंदी नहीं की गई।

इन प्रखंडों में किए गए बंध्याकरण

कहलगांव -112

सुलतानगंज - 63

पीरपैंती - 123

नाथनगर - 134

जगदीशपुर - 83

सबौर - 31

नवगछिया - 402

गोपालपुर - 22

इस्माइलपुर - 12

बिहपुर - 60

सन्हौला - 57

नारायणपुर - 40

खरीक - 45

रंगरा चौक - 43

जिला अस्पताल - 64

(नोट : दोनों आंकड़े 2019 के अप्रैल से जुलाई तक के हैं।)

नसबंदी में लगते हैं 10 मिनट : नसबंदी 10 मिनट में दक्ष चिकित्सक द्वारा किए जाने वाला एक स्थायी विधि है। एक घंटे के अंदर अस्पताल से छुट्टी भी मिल जाती है।

बंध्याकरण में लगते हैं 15 मिनट : बंध्याकरण करने में चिकित्सक को महज 15 मिनट लगते हैं। दूसरे दिन महिला को अस्पताल से छुट्टी मिल जाती है।

नसबंदी करवाने में नहीं होती कमजोरी : सर्जन असीम कुमार दास के मुताबिक पुरुषों को यह शंका रहती है कि नसबंदी करवाने से कमजोरी होती है। लेकिन यह अफवाह है। कोई भी कमजोरी नहीं होती। पुरुष पहले की तरह कार्य कर सकता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.