न पोस्टमार्टम हुआ न हड्डी जांच, हो गया अंतिम संस्कार, पुलिस मुश्किल में; जानिए मामला Bhagalpur News
गत 20 जनवरी को नवगछिया पुलिस जिला के रंगरा ओपी अंतर्गत भवानीपुर गांव में नीरज शर्मा की 28 वर्षीय पत्नी किरण देवी का पुलिस ने क्षत-विक्षत शव बरामद किया था।
भागलपुर [आलोक कुमार मिश्रा]। पोस्टमार्टम हुआ न हड्डी जांच हुई लेकिन शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया। अब जब इस मामले में लापरवाही सामने आई है तो ऐसे में पुलिस की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
गत 20 जनवरी को नवगछिया पुलिस जिला के रंगरा ओपी अंतर्गत भवानीपुर गांव में नीरज शर्मा की 28 वर्षीय पत्नी किरण देवी का पुलिस ने क्षत-विक्षत शव बरामद किया था। नवगछिया में पोस्टमार्टम नहीं होने की स्थिति में भागलपुर मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम कराने के लिए शव लाया गया था। क्षत-विक्षत शव होने के कारण पोस्टमार्टम की कार्रवाई संभव नहीं थी। ऐसी स्थिति में फोरेंसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. संदीप लाल ने हड्डी जांच कराने की बात करते हुए रंगरा पुलिस को विस्तृत ब्योरा लिखकर दिया। सारे कागजात डॉक्टर ने पुलिस को लौटा दिए। मेडिकल कार्रवाई पूरी होने से पूर्व पुलिस ने मेडिकल कॉलेज परिसर में ही शव स्वजनों को सौंप दिया। परिजन ने शव का अंतिम संस्कार भी कर दिया।
कानूनी पेंच फंसने पर पुलिस की उड़ी नींद, डॉ. के सामने जोड़े हाथ-पांव
मामले में कानूनी पेंच फंसने पर पुलिस की नींद उड़ गई। शुक्रवार को डॉक्टर से मिलने पुलिस मेडिकल कॉलेज पहुंची। मामले में कोई उपाय निकलाने के लिए पुलिस ने हाथ-पांव भी जोड़े लेकिन बात नहीं बनी। केस के जांचकर्ता रंगरा ओपी के दारोगा शाहिद खान, चौकीदार शंभू पासवान और शत्रुघ्न शव का पोस्टमार्टम कराने शव लेकर आए थे। चौकीदार का कहना है कि डॉक्टर द्वारा दिए गए कागजात उन्होंने जांचकर्ता को सौंप दिए थे। जांचकर्ता ने शव स्वजनों को सौंप दिया। कानूनी पेंच फंसने पर शुक्रवार को उन्हें डॉक्टर के पास भेजा गया था।
बोरी में तीन-चार टुकड़ों में लाश बरामद की थी। चार-पांच दिन पुराना होने के कारण बदबू फैल रही थी। अंदर ले जाने के कारण जांचकर्ता ने शव का पोस्टमार्टम होने की बात समझ लिया। डॉक्टर को भी सारी बातों से पुलिस को अवगत कराना चाहिए था। अनभिज्ञता में पुलिस ने शव स्वजनों को सौंप दिया। -राजकुमार सिंह, प्रभारी रंगरा ओपी, नवगछिया पुलिस जिला।
शव पोस्टमार्टम के लायक नहीं था। इसलिए हड्डी जांच कराने संबंधी लिखित जानकारी पुलिस को दी गई। कागजात भी पुलिस को लौटा दिया गया। कोर्ट के आदेश के बाद ही हड्डी जांच की कार्रवाई होती। यह बात पुलिस को भी पता है। -डॉ. संदीप लाल, विभागाध्यक्ष, फोरेंसिक विभाग, भागलपुर।