इंजीनियर हत्याकांड : कुख्यात विकास झा के सहयोगी विजय की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज, जेल से भागा था विकास
दरभंगा के इंजीनियर हत्याकांड का सजायाफ्ता रहा विकास 19 अगस्त 2019 को मायागंज के कैदी अस्पताल से भाग निकला था। विजय ने उसका सहयोग किया था।
भागलपुर, जेएनएन। दरभंगा के इंजीनियर हत्याकांड में सजायाफ्ता कुख्यात विकास झा को कैदी वार्ड से भगाने में मददगार रहे विजय झा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज हो गई। यहां की विशेष निगरानी अदालत ने विजय की अग्रिम जमानत अर्जी पर अधिवक्ता विनोद चौधरी की दलील सुनी। सरकार की तरफ से पीपी का भी पक्ष सुना और अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।
विकास झा को मायागंज अस्पताल के कैदी वार्ड से भगाने में सहयोग करने विजय बाइक से अस्पताल पहुंचा था। उसकी अग्रिम जमानत अर्जी 18 फरवरी 2020 को न्यायालय में दाखिल की गई थी। न्यायालय ने बरारी थानाध्यक्ष से केस डायरी की मांग की थी। तब से कई तिथि सुनवाई के लिए मुकर्रर हुई पर केस डायरी नहीं आई। अदालत ने मंगलवार को दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी।
कैदी वार्ड से भाग निकला था सीतामढ़ी का शातिर
दरभंगा के इंजीनियर हत्याकांड में सजा होने के बाद विकास को भागलपुर की विशेष केंद्रीय कारा में रखा गया था। आठ अगस्त 2019 को जेल से उपचार के लिए उसे मायागंज अस्पताल के कैदी वार्ड में भर्ती कराया गया था। सीतामढ़ी के एक ठेकेदार अमित झा ने विकास को कैदी वार्ड से भगाने की योजना बनाई थी। इसी सिलसिले में उक्त ठेकेदार ने कैदी वार्ड में 17 अगस्त 2019 को विकास से मुलाकात की। वहां दो हजार रुपये के नोट का बंडल भी दिया था। योजना में चार पुलिसकर्मी भी शामिल थे। योजना के तहत ही विजय झा बाइक से 18 अगस्त की रात अस्पताल पहुंच गया था। अल सुबह ही विकास योजना के तहत भाग निकला था।