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निलंबित होंगे एकेयू के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रभाष, जानिए TMBU से कैसे जुड़ा यह मामला

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पहले दिल्ली के कानून मंत्री रहे तोमर अब एकेयू के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रभाष कुमार।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 05 Apr 2019 12:00 PM (IST)Updated: Fri, 05 Apr 2019 04:55 PM (IST)
निलंबित होंगे एकेयू के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रभाष, जानिए TMBU से कैसे जुड़ा यह मामला
निलंबित होंगे एकेयू के सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. प्रभाष, जानिए TMBU से कैसे जुड़ा यह मामला

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय (एकेयू) पटना में सहायक परीक्षा नियंत्रक के पद पर कार्यरत तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के छात्र रहे डॉ. प्रभाष कुमार निलंबित हो सकते हैं। नियुक्ति के दौरान एकेयू में उनके द्वारा समर्पित अनुभव एवं सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की संबंधित विश्वविद्यालयों से जांच कराई गई है। टीएमबीयू की जांच रिपोर्ट में पता चला है कि डॉ. प्रभाष कुमार ने 1995 में पीजी और 1994-97 सत्र में एलएलबी की डिग्री ली है। जबकि नियमानुसार एक सत्र और दो डिग्री नहीं ली जा सकती है।

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फर्जी डिग्री को लेकर फिर सुर्खियों में टीएमबीयू

तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। पहले दिल्ली के कानून मंत्री रहे तोमर के बाद अब एकेयू के सहायक परीक्षा नियंत्रक सह टीएमबीयू के पूर्ववर्ती छात्र डॉ. प्रभाष कुमार द्वारा एक ही सत्र में पीजी एवं एलएलबी की डिग्री लिए जाने का मामला प्रकाश में आने से सुर्खियों में है।

सहायक परीक्षा नियंत्रक से मांगा जाएगा जवाब 

टीएमबीयू के पूर्ववर्ती छात्र रहे डॉ. प्रभाष कुमार की एकेयू रिपोर्ट मिल गई है। अब रिपोर्ट पर उनसे जबाव मांगा जाएगा। फिर उनके जबाव और टीएमबीयू की सत्यापन रिपोर्ट की जांच एक उच्चस्तरीय कमेटी से करवाई जाएगी। कमेटी के जांच रिपोर्ट में अगर प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया तो आगे निलंबन की कार्रवाई होगी।

कॉलेजों के निरीक्षक आठ माह पूर्व हो चुके हैं निलंबित

गौरतलब हो कि एकेयू में कॉलेजों के निरीक्षक डॉ. अजय प्रताप आठ माह पूर्व फर्जी प्रमाण पत्रों प्रस्तुत के आरोप में निलंबित किए जा चुके हैं। डॉ. प्रताप के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों का संबंधित मगध विवि से सत्यापन कराया गया था। वहां से प्राप्त रिपोर्ट में प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। जिसके आधार पर उन्हें निलंबित किया गया है। इस बावत एकेयू के कुलपति ने बताया कि कर्मचारियों और अधिकारियों की नियुक्ति के बाद प्रमाण पत्रों की जांच सतत प्रक्रिया है। अभी अन्य अधिकारियों एवं कर्मचारियों के प्रमाण पत्रों के सत्यापन रिपोर्ट आना बाकी है। कुलपति ने दो टूक कहा नियुक्ति में फर्जीवाड़ा नहीं चलेगा। ऐसे कर्मचारियों एवं अधिकारियों के विरूद्ध जालसाजी का भी मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।

प्रो. अरूण कुमार अग्रवाल (कुलपति, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय) ने कहा कि विवि में नियुक्त सभी अधिकारियों के अनुभव एवं शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की उनके संबंधित विवि से सत्यापन के साथ रिपोर्ट मांगी गई है। जिनके प्रमाण पत्र फर्जी पाए जा रहे हैं उनके विरूद्ध कार्रवाई हो रही है।


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