लखीसराय में नक्सलियों का आतंक: किडनैप किए गए रामजी को किया आजाद, बेटे को ले गए साथ, घर में पसरा मातम
लखीसराय में नक्सलियों का आतंक - नक्सली कब्जे से मुक्त होने के बाद भी बेटे की चिंता में रात भर जगे रहे रामजी। कर्मवीर नहीं बड़े बेटे धर्मवीर को अपने साथ लेते चले गए नक्सली। महुलिया से रामजी यादव को बेटे धर्मवीर यादव को घर से किया था अगवा।
जागरण संवाददाता, (लखीसराय) : नक्सलियों के कब्जे से मुक्त होने के बाद चानन थाना क्षेत्र के महुलिया गांव के रामजी यादव परिवार सहित रात भर नहीं सो सके। मंगलवार की रात नक्सलियों ने कर्मवीर नहीं बल्कि बड़े बेटे धर्मवीर के साथ उनको अगवा किया था। चार घंटे बाद नक्सलियों ने पिता रामजी यादव को बासकुंड डैम के पास छोड़ दिया। जबकि रामजी यादव के पुत्र धर्मवीर यादव को नक्सली अपने साथ जंगल की ओर लेते चला गया। नक्सलियों के कब्जे से मुक्त होकर वापस घर आए रामजी यादव ने बताया कि मंगलवार के रात करीब रात के नौ बजे वह घर पर बैठकर एक जेई की मदद में योजना का प्राक्कलन बना रहा थे। तभी 15-20 की संख्या में हथियारबंद नक्सली घर पर आ धमका।
उनसे ही पूछा रामजी यादव कौन है? जब उन्होंने खुद को रामजी यादव के रूप में अपना परिचय दिया तो नक्सलियों ने कहा चलो मेरे साथ। इस दौरान घर के बाहर महिला-पुरुष नक्सलियों ने नाकेबंदी कर रखी थी। देखकर स्वजनों ने रोकना चाहा। तभी नक्सलियों ने दहशत के लिए घर के पास दो राउंड फायरिंग कर दी। फिर रामजी को जबरन ले जाते समय करीब आधा दर्जन राउंड फायरिंग की। बेटा धर्मवीर अपने पिता को छुड़ाने के लिए पीछा किया। नक्सलियों ने उसे भी अपने कब्जे में कर लिया। बासकुंड डैम के पास धर्मवीर ने अपने पिता को बीमार बता उन्हें छोड़ देने तथा उसे अपने कब्जे में कर लेने की याचना की। इस ओर सहमत होकर नक्सली ने रामजी यादव को मुक्त कर दिया।
रामजी रात को अकेले अपने घर पहुंचे लेकिन अपने बेटे की चिंता में परिवार सहित वे रातभर भूखे प्यासे जगे रहे। ग्रामीण एवं पड़ोसियों की भीड़ लगी रही और सबके सब बदहवास थे। बुधवार की सुबह रामजी यादव के घर के आसपास एसएलआर के दो खोखे मिले हैं। अगवा धर्मवीर यादव के घर में रात का खाना यूं ही रखा रह गया। धर्मवीर यादव की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। रामजी यादव से मिली जानकारी के अनुसार नक्सलियों द्वारा पूर्व में किसी प्रकार की कोई सूचना व धमकी नहीं दी गई है। अचानक ऐसी घटना को अंजाम दिया गया है। बुधवार की सुबह तक भी नक्सली की तरफ से कोई फोन नहीं आया। ऐसे लोगों में चर्चा है कि मामला लेवी वसूली से जुड़ा प्रतीत होता है।