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बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर लगी दीमक: तस्वीर नवगछिया की, किताबों को धूप में रख मारे जा रहे कीड़े

Bihar Education System भागलपुर से लगे नवगछिया से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो ये बता रही है कि सूबे की शिक्षा व्यवस्था पर किताबों की तरह ही दीमक लग गया है। भवन तो जर्जर है ही साथ ही स्कूलों में रखी किताबों की दुर्दशा हो गई है।

By Shivam BajpaiEdited By: Published: Wed, 18 May 2022 10:08 AM (IST)Updated: Wed, 18 May 2022 10:08 AM (IST)
बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर लगी दीमक: तस्वीर नवगछिया की, किताबों को धूप में रख मारे जा रहे कीड़े
किताबों पर लगे कीड़ों को हटाने के लिए उन्हें धूप में रखा गया।

ललन राय, नवगछिया/भागलपुर: Bihar Education System-भले ही आजादी के पहले गोपालपुर प्रखंड का सैदपुर उच्च विद्यालय स्थापित किया गया हो। लेकिन आज लगता है कि इस विद्यालय के जीर्णोद्धार के लिए भी सरकार के पास रुपया नहीं है। पिछले एक दशक से प्लस टू विद्यालय की स्वीकृति मिलने के बाद आधा अधूरा भवन बना पड़ा है। इस भवन का रुपया वापस हो जाने के कारण विद्यालय पूरा नहीं बन पाया। इस विद्यालय में 380 से अधिक छात्र पठन-पठन करते हैं। आलम ये है कि जर्जर भवन के चलते स्कूल में रखी किताबों पर दीमक लग गई है, जिन्हें अब धूप में रख हटाए जाने की कवायद की गई।

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बता दें कि स्कूल में कुल 8 शिक्षक तैनात हैं लेकिन कमरे के अभाव में पढ़ाई समय पर नहीं हो पाती है। भवन इतना जर्जर हो चुका है कि शिक्षा विभाग के इंजीनियर इसे रिजेक्ट कर चुके हैं। उच्च माध्यमिक शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मणिकत गुप्ता के द्वारा इस विद्यालय को तत्काल तोड़कर नए बनाने का भी प्रस्ताव जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर के शिक्षा विभाग के उच्च पदाधिकारी को लिख चुके हैं। लेकिन यह विद्यालय बनने का नाम नहीं है। इस विद्यालय में भवन नहीं होने के कारण पुस्तकालय की किताबें खराब हो रही है प्लस टू का श्रेणी मिलने के बावजूद भी इस विद्यालय में भवन के का नहीं होने के कारण इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

(जर्जर स्कूल)

विद्यालय का इतिहास

सैदपुर उच्च विद्यालय की स्थापना आजादी के पूर्व 1941 की गई थी। इस विद्यालय से कई आईएएस-आईपीएस एवं प्रोफेसर डॉक्टर से लेकर के इंजीनियर शिक्षक तक बने लेकिन इस विद्यालय की स्थिति यह है कि यहां पर भवन जर्जर होने के बावजूद भी इस पर शिक्षा विभाग या अन्य विभाग के अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है।

क्या कहते हैं छात्र

उच्च विद्यालय के छात्र रंजीत कुमार मुकेश कुमार संजीव कुमार राजीव कुमार मृत्युंजय कुमार कहते हैं कि इस विद्यालय का नाम दूर-दूर तक है। लेकिन आज भवन जर्जर हो जाने के कारण एक साथ कक्षा भी नहीं हो पाता है। जिस दिन बारिश एवं आंधी तूफान आता है उस दिन पठन-पठन भी नहीं हो पाता है।ऐसे यहां पर हम लोग आकर कुछ ही विषय की पढ़ाई कर वापस चले जाते हैं।

एक-एक विषय के तीन-तीन शिक्षक

 उच्च विद्यालय में सोशल साइंस के तीन-तीन शिक्षक गणित के दो-दो शिक्षक एवं अंग्रेजी के एक शिक्षक नियुक्त हैं।लेकिन हिंदी संस्कृत विज्ञान के एक भी शिक्षक नहीं है। जिसके कारण पठन-पाठन से लेकर के अन्य पढ़ाई नहीं हो पाता है।

क्या कहते हैं प्रधानाध्यापक?

सैदपुर उच्च विद्यालय के प्रधानाध्यापक गिरीश कुमार मंडल बताते हैं कि विद्यालय में भवन लगभग सभी जर्जर होने के कारण शिक्षा विभाग के द्वारा इसे रिजेक्ट कर दिया गया है।तब पर भी हम लोग मजबूरी में यहां पर विद्यालय चलाते हैं।

क्या करते हैं भागलपुर सांसद?

भागलपुर के सांसद अजय कुमार मंडल बताते हैं कि सैदपुर उच्च विद्यालय को नए तरीके से बनाने के लिए प्रस्ताव विभाग को देने का निर्देश हम लोगों ने दिया था। हमने विद्यालय का खुद निरीक्षण किया है विद्यालय की स्थिति जर्जर है जिला शिक्षा पदाधिकारी से इस विद्यालय के लिए अलग से व्यवस्था करने को कहा है।

जिला शिक्षा पदाधिकारी क्या बोले 

भागलपुर के जिला शिक्षा पदाधिकारी संजय कुमार बताते हैं कि सैदपुर विद्यालय के नए भवन का प्रस्ताव मुख्यालय में भेजा गया है हम लोग इस विद्यालय को इंजीनियरों के माध्यम से जांच कराकर सभी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज चुके हैं विद्यालय की स्थिति सच में जर्जर है।


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