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सड़कों पर छलक आए बाढ़ पीड़ितों के आंसू और आक्रोश

भागलपुर । प्रशासन की ओर से राहत नहीं मिलने के कारण गुरुवार को बाढ़ की विभीषिका झेल

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 Sep 2018 10:43 PM (IST)Updated: Thu, 13 Sep 2018 10:43 PM (IST)
सड़कों पर छलक आए बाढ़ पीड़ितों के आंसू और आक्रोश
सड़कों पर छलक आए बाढ़ पीड़ितों के आंसू और आक्रोश

भागलपुर । प्रशासन की ओर से राहत नहीं मिलने के कारण गुरुवार को बाढ़ की विभीषिका झेल रहे पीड़ितों के आंसू और आक्रोश सड़कों पर उतर आए। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय(टीएमबीयू) के मुख्य गेट के सामने बिंद टोली और रसीदपुर के बाढ़ पीड़ितों ने राहत की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया। सूचना मिलने पर नाथनगर के सीओ एवं विश्वविद्यालय पुलिस मौके पर पहुंची। राहत सामग्री दिए जाने के आश्वासन पर दो घंटे बाद आक्रोशित बाढ़ पीड़ितों जाम हटा लिया।

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इसके पूर्व बुधवार को भी राहत की मांग को लेकर सबौर प्रखंड के रंजदीपुर पंचायत के 300 बाढ़ पीड़ितों ने सबौर हाई स्कूल चौक के पास एनएच 80 को घंटों जाम कर दिया था। उग्र प्रदर्शन के बाद गुरुवार को खानकित्ता स्थित पंचायत सरकार भवन में शरण लिए 300 बाढ़ पीड़ितों के बीच प्रशासन की ओर से प्रति परिवार पांच किलो चूड़ा और ढाई सौ गुड़ बांटा गया। पशुपालकों के बीच चारा का वितरण किया गया। चार दिनों से भूखे-प्यासे रह रहे बच्चे शिविर में सुखा राशन चूड़ा-गुड खाकर काफी खुश थे।

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राहत शिविर में जाने से परहेज कर रहे बाढ़ पीड़ित

नवगछिया अनुमंडल के गोपालपुर प्रखंड में बाढ़ पीड़ितों के लिए मध्य विद्यालय डिमहा एवं बुनियादी प्राथमिक विद्यालय कराही तिनटंगा को राहत शिविर बनाया गया है, लेकिन वहां पीड़ित नहीं आ रहे हैं। इसकी पुष्टि एसडीओ मुकेश कुमार ने भी की है। वहीं ईस्माइलपुर के जहान्वी चौक पर बनाए गए राहत शिविर में भी लोग नहीं आना चाहते। पीड़ितों का कहना है कि वह घर छोड़कर 10 किलोमीटर दूर शिविर में नहीं जा सकते हैं। हमलोग यहां अपने घर की रखवाली भी करते हैं। जब प्रशासन की टीम वहां ऊंचे स्थानों पर शरण लिए बाढ़ पीड़ितों के बीच सुखा राशन चूड़ा और गुड लेकर बांटने पहुंची तो लोगों ने ढाई किलो चूड़ा लेने से इन्कार कर दिया। लोगों को कहना था कि पहले छह किलो मिलता था, इस बार भी इतना ही मिलना चाहिए। इधर, जहां-जहां ऊंचे स्थानों पर बाल-बच्चों एवं पशुओं के साथ शरण लिए बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य की चिंता भी प्रशासन को नहीं है। कुछ स्थानों को छोड़ स्वास्थ्य विभाग की गतिविधि प्रभावित क्षेत्रों में नहीं दिख रही है।

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आज पांच सेंटीमीटर और वृद्धि की संभावना

गंगा के जलस्तर में बीते चार दिनों से लगातार हो रही वृद्धि के कारण जिले में सुल्तानगंज से लेकर पीरपैंती तक में बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। गंगा का जलस्तर प्रति चार घंटे में एक सेंटीमीटर बढ़ रहा है। गंगा कहलगांव में खतरे के निशान से 51 सेंटीमीटर और भागलपुर में 12 सेंटीमीटर ऊपर बढ़ रही है। शुक्रवार तक पांच सेंटीमीटर और बढ़ने की संभावना है।

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ये इलाके भी आ गए चपेट में

अब तक जिले में 25 पंचायतों के 73 गांवों के ढाई लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। नारायणपुर प्रखंड के बैकटपुर, दुधैला, पैगमपुर, गंगापुर, खगड़ा पंचायत का बोतल टोला, गोनरचक दियारा, गरैया टोला, कनकी, गोपालपुर का बुद्धुचक, मदरौनी, सधुवाचापर, रंगराचौक का सहौड़ा, उसरैया टोला, परबत्ता का बसगढ़ा, सूदन टोला, मोती टोला, बिनोबा, सबौर प्रखंड का लैलख, बैजलपुर, बैजनाथपुर, शिवायडीह, कहलगांव का प्रशस्तडीह, नाथनगर का गौसाइदासपुर, रत्तीपुर बैरिया, शंकरपुर चौवनिया सहित अन्य इलाकों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है।

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कोट.

पहाड़ी प्रदेशों में लगातार हो रही तेज बारिश की वजह से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है। पूर्वानुमान में अगले दो दिनों तक जलस्तर में वृद्धि के संकेत हैं।

रमेश कुमार, कार्यपालक अभियंता, बाढ़ नियंत्रण, भागलपुर।


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