बिहार में डूबने लगी नाव तो शिक्षिकाओं के लिए देवदूत के लिए बन गए शिक्षक, कोसी में इस तरह खतरा लेकर बचाई जान
बिहार के सहरसा में कोसी नदी पार कई महिला-पुरुष शिक्षक स्कूल जा रहे थे। इसी दौरान नदी में नाव फंस गई। सभी लोग त्राहिमाम करने लगे। नाविक और कुछ शिक्षकों ने हिम्मत दिखाई। नदी में उतरकर पैर कर नाव को पार कराया। शिक्षिकाएं नौका पर ही बैठी थी।
संसू, नवहट्टा (सहरसा)। कोसी नदी में शुक्रवार को शिक्षक-शिक्षिकाओं से भरी नाव बीच नदी में जाकर फंस गई। शिक्षकों एवं नाविकों के काफी मशक्कत के बाद फंसी नाव को एक दूसरे नाव के सहारे एवं धक्का देकर किसी तरह धारा में लाया जा सका। इस दौरान लगभग एक घंटे तक नदी में सभी फंसे रहे।
जानकारी अनुसार सामान्य दिनों की तरह शुक्रवार को भी नदी की दूसरी तरफ संचालित स्कूलों में पठन-पाठन के लिए शिक्षक-शिक्षिकाएं एकत्र हुए। लेकिन यह दिन सामान्य नहीं था। जैसे ही बीच नदी में नाव फंसी तो सभी ईश्वर को याद करने लगे।
उत्क्रमित मध्य रामपुर छतवन एवं नव प्राथमिक विद्यालय छतवन एवं उर्दू प्राथमिक विद्यालय महुआ एवं नव प्राथमिक विद्यालय शाहपुर चाही के शिक्षक-शिक्षिका नदी पार करने के लिए ई टू स्पर घाट पर बड़ी नाव में सवार हुए। कुछ दूर जाने के बाद अचानक नाव फंस गई। नाविक ने उतर कर नाव की पंखी देखा तो वह पूरी तरह ठीक था। हालांकि धक्का देने के बाद भी नाव धारा पर नहीं पहुंची। शिक्षकों को पानी में उतरना पड़ा। शिक्षकों और नाविक ने तैरते हुए नाव को धक्का लगाया। शिक्षिकाएं नौका पर ही बैठी है। त्राहिमाम मचाने के बाद बगल से गुजर रही नाव सहारा बनी। लगभग एक घंटे पानी में फंसने के बाद नाव को नदी के धारा के साथ जोड़ा जा सका। शिक्षिका ममता कुमारी ने बताया कि उन लोगों की जान आफत में पड़ गई थी। सरकारी नाव के नाविक छेदन मुखिया ने बताया कि नाव का फंसना सामान्य बात है लेकिन कभी-कभी यह जोखिम भरा भी हो जाता है। यदि नाव निकालने में विलंब हुआ तो हादसे का कारण बन सकता है।
कोसी नदी में फंसी नाव पर रितु कुमारी, उमेरा खातून, गुड्डी कुमारी, जावेद, संतोष कुमार साह, नीतू कुमारी, रहमतुल्लाह, वसीम, रमेश कुमार, विजय कुमार, निकहत प्रवीण, उपमा कुमारी, महेंद्र सादा नामक शिक्षक व शिक्षिकाएं सवार थे।