प्रखंडों में टीबी मरीजों की नहीं हो रही जांच
वास्थ्य विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना की वजह से टीबी की जांच बंद नहीं होनी चाहिए लेकिन जिले में टीबी मरीजों की खोज और जांच बंद है।
भागलपुर। स्वास्थ्य विभाग का स्पष्ट निर्देश है कि कोरोना की वजह से टीबी की जांच बंद नहीं होनी चाहिए, लेकिन जिले में टीबी मरीजों की खोज और जांच बंद है। इससे टीबी मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है। साथ ही जिन टीबी मरीजों का इलाज नहीं हो रहा है, वे स्वस्थ लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इससे डॉक्टर भी इंकार नहीं करते हैं।
दो हजार मरीजों की नहीं हुई जांच : प्रखंडों में प्रतिमाह तकरीबन दो हजार नए मरीजों की खोज कर इलाज किया जाता है। अप्रैल और मई में नए टीबी मरीजों की खोज और जांच नहीं की गई है।
जिन प्रखंडों टीबी की जांच बंद है, उसकी रिपोर्ट जिला यक्ष्मा कार्यालय द्वारा पटना और दिल्ली भेजी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक जगदीशपुर, कहलगांव, नवगछिया, गोपालपुर, बिहपुर, खरीक, नारायणपुर, सबौर, गोराडीह, शाहकुंड और शिवनारायणपुर के सेंटरों में टीबी जांच बंद है। पीरपैंती, सुलतानगंज, इस्माइलपुर और नाथनगर प्रखंड में टीबी मरीजों की जांच की संख्या काफी कम है।
रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि कोरोना के संदिग्ध मरीजों की जांच के लिए टेक्नीशियनों को ड्यूटी दी गई है। साथ ही सीबी नट मशीन भी जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेज दी गई है, ताकि कोरोना संक्रमितों के सैंपल की जांच की जा सके। इसलिए टीबी मरीजों की खोज और जांच प्रभावित है। मरीजों की खोज का लक्ष्य भी नहीं हुआ पूरा
वर्ष लक्ष्य उपलब्धि
2017 4000 3202
2018 5200 4164
2019 6100 5123
2020 6400 1574 (मई तक) कोट :
जिला में टीबी मरीजों की जांच प्रभावित नहीं हुई है। सीबी नट उपकरण जेएलएनएमसीएच भेजा गया है, माइकोस्कोप से जांच की जा रही है।
डॉ. दीनानाथ, प्रभारी, जिला यक्ष्मा कार्यालय