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अब ऑफ सीजन में भी ले सकेंगे आम का स्वाद, इजाद की गई नयी वेरायटी

आम पसंद करने वाले लोगों को ऑफ सीजन में भी इसका स्‍वाद मिल सकेगा। एक नयी लेट वेरायटी आम की खोज की गई है, जिसके पकने का समय अक्‍टूबर माह है।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Sun, 03 Jun 2018 09:52 AM (IST)Updated: Sun, 03 Jun 2018 10:47 PM (IST)
अब ऑफ सीजन में भी ले सकेंगे आम का स्वाद, इजाद की गई नयी वेरायटी
अब ऑफ सीजन में भी ले सकेंगे आम का स्वाद, इजाद की गई नयी वेरायटी

भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 'मैंगो मैन' के नाम से प्रसिद्ध सुल्तानगंज के तिलकपुर निवासी अशोक चौधरी के बाग से एक लेट वेरायटी आम की खोज की है। जिसके पकने का समय अक्टूबर माह है। चूंकि यह दशहरा पूजा के समय पकता है इसलिए बागवान अशोक चौधरी ने इस आम का नाम 'नवरात्रा' रखा है। आम का आकार एवं स्वाद काफी बेहतर है। इसकी खासियत यह है कि बाग में लगे अन्य किस्मों के आम समाप्त हो जाने के बाद यह पकता है।

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आकार एवं स्वाद भी बढिय़ा

सुल्तानगंज तिलकपुर के किसान अशोक चौधरी के बागों में मिला सबसे लेट वेरायटी आम नवरात्रा वाकई प्रकृति का अनुपम उपहार है। उसका आकार एवं स्वाद भी अच्छा है। बीएयू के उद्यान (फल) वैज्ञानिक डॉ. आरआर सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय स्तर पर उसकी गुणवत्ता की वैज्ञानिक जांच चल रही है। उसमें और सुधार के लिए शोध की जरूरत है।

तैयार किए जाएंगे प्लांटिंग मैटेरियल

उद्यान वैज्ञानिक ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक ठाक रहा तो उद्यान गार्डेन में उसका प्लांटिंग मैटेरियल तैयार किया जाएगा। उसके प्रचार-प्रसार के लिए अन्य प्रखंडों के बागवानों के बीच उक्त किस्म के आम का प्लांटिंग मैटेरियल प्रायोगिक दृष्टि से वितरित किए जाएंगे। क्षेत्रवार उसके उत्पादन एवं गुणवत्ता की जांच की जाएगी। बेहतर परिणाम आने पर इसके क्षेत्र विस्तार की योजना बनाई जाएगी, ताकि राज्य भर के लोगों को ऑफ सीजन में भी बेहतर आम का स्वाद मिल सके। बागवान भी उसके फल को बेचकर मालामाल हो सकेंगे।

शीडलिंग से विकसित हुआ यह आम

मैंगो मेन अशोक चौधरी कहना है कि आम खाकर जो गुठली लोग फेंक देते हैं उसी शीड से इसका पौधा तैयार हुआ है। जब आम फलने लगा और बाग में सबसे लेट पकते देखा गया तो उसे सुरक्षित रखा गया है। चौधरी का कहना है है कि यह प्रकृति का उपहार है।

बीएयू की आम प्रदर्शनी में भी था आकर्षण का केंद्र

बिहार कृषि विश्वविद्यालय में विगत वर्ष आयोजित प्रदर्शनी में सबसे लेट वेरायटी किस्म वाले आम नवरात्रा को बागवान अशोक चौधरी ने प्रदर्शित किया था। वहां के वैज्ञानिकों को उक्त आम के गुणों से अवगत कराया था। जिसे विवि ने हाथों-हाथ लेकर राज्य के हित में उस पर शोध करने का भरोसा दिया था। उन्होंने कहा कि आम की अन्य किस्मों का समय खत्म हो जाने के बाद नवरात्रा आम पकता है।

बागवान के मुताबिक आम का खासियत

वजन -  400 से 600 ग्राम

रंग   - पकने पर पीला

मिठास - बेहतर

गूदा   - 60 फीसद

किस्म  - बीजू

पकने का समय - अक्टूबर माह

वैज्ञानिक लेट वेरायटी वाले इस आम की गुणवत्ता पर शोध कर रहे हैं। गार्डेन में भी प्लांट लगाया गया है। भरोसा है परिणाम सकारात्मक मिलेगा। फिर राज्य में ऑफ सीजन में भी लोग आम का स्वाद ले पाएंगे।

डॉ. अजय कुमार सिंह, कुलपति, बीएयू।


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