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नवरात्रि में तांत्रिक दंपती ने उठाया खौफनाक कदम, अपने मासूम बेटे की दे दी बलि

बिहार में एक अंधविश्वासी तांत्रिक दंपती ने दुर्गापूजा पर तांत्रिक विधि से महाष्टमी पूजा के दौरान अपने बेटे के सिर में कील ठोक कर उसकी नरबलि दे दी। पूरा मामला जानिए इस खबर में।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:44 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 07:23 AM (IST)
नवरात्रि में तांत्रिक दंपती ने उठाया खौफनाक कदम, अपने मासूम बेटे की दे दी बलि
नवरात्रि में तांत्रिक दंपती ने उठाया खौफनाक कदम, अपने मासूम बेटे की दे दी बलि
बांका [जेएनएन]। अंधविश्वास के साथ अगर आस्था मिल जाए तो खौफनाक घटनाएं समाने आती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ बिहार के बांका जिले के नक्सल प्रभावित बेलहर प्रखंड के टेंगरा गांव में। एक तांत्रिक दंपती ने दुर्गापूजा के अवसर पर तांत्रिक विधि से महाष्टमी पूजा अनुष्ठान करने के अपने चार वर्षीय बेटे के सिर में कील ठोक कर उसकी बलि दे दी।
घटना मंगलवार की रात की है। बुधवार की सुबह घटना की खबर आग की तरह फैल गई। जिसे भी इसकी जानकारी मिली,  सिहर गया। उधर, घटना के बाद से तांत्रिक पति-पत्नी फरार हो गए हैं।
बेटे के सिर में ठोक दी कील
मिली जानकारी के अनुसार तांत्रिक योगेंद्र पंडित और उसकी पत्नी मुनिया देवी पिछले कई वर्षों से तंत्र विद्या की सिद्धि में लगे हैं। दोनों आए दिन घर से बाहर ही रहते हैं। मंगलवार की सुबह दंपती ने घर पहुंचकर तंत्र साधना शुरू की। इसी दौरान उन्होंने चार साल के मासूम बेटे गुलिया कुमार के सिर में कील ठोक कर उसकी नरबलि दे दी।
शव को फेंक कर हुए फरार
बुधवार को सुबह ग्रामीणों को बालक की मौत की खबर लगी तो उसके घर के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई। कुछ लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दे दी। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बेटे के शव को एक झाड़ी में फेंक कर वहां से फरार हो गए।
10-15 वर्षों से कर रहा तंत्र साधना
ग्रामीणों ने बताया कि योगेंद्र पंडित लगभग 10-15 वर्षों से तांत्रिक क्रिया करता आ रहा है। लोगों की झाड़-फूंक व तांत्रिक विधि से इलाज करने के लिए अक्सर वह दिल्ली सहित बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश के जिलों में जाता रहा है। अंधविश्‍वास में फंसे लोग उसे झाड़-फूंक के लिए बुलाते रहे हैं।
तांत्रिक ने की दो शादियां
उसकी पहली पत्नी की पांच साल पूर्व मौत हो चुकी है। उससे उसे चार संतानें हैं। उसके पुत्र रामरतन पंडित, रामविलास पंडित व पुत्रवधू खुशबू देवी गांव में ही रहते हैं। पास की महुआटांड़ गांव की शादीशुदा महिला मुनिया देवी तंत्र विद्या सीखने के लिए तांत्रिक योगेंद्र पंडित के पास आया करती थी। धीरे-धीरे वे दोनों नजदीक आते गए और फिर उन दोनों ने शादी रचा ली।
स्थानीय लोग बताते हैं कि पांच साल एक कुएं से मिली सिरकटी लाश की पहचान तांत्रिक की पहली पत्नी का बताया गया था। उस घटना के बाद तांत्रिक अपनी दूसरी पत्‍नी के साथ भाग गया था। करीब दो माह बाद दोनों वापस लौटे थे।
नरबलि के पहले की थी पूजा
चार वर्ष पूर्व तांत्रिक दंपती को एक पुत्र पैदा हुआ था, जिसका नाम उन्‍होंने गुलिया रखा था। तांत्रिक ने उसी की नरबलि दी। तांत्रिक के पुत्र रामरतन ने बताया कि गुलिया उन लोगों के साथ ही रहता था। मंगलवार की दोपहर एक बजे पिता ने उसके छोटे भाई रामविलास को गुलिया के लिए बिस्किट लाने को कहा था। बिस्किट लाकर उसे देने के कुछ ही मिनट बाद गुलिया उनकी नजरों से गायब हो गया। बताया जाता है कि उसे नहला कर नया वस्त्र पहनाया गया था। उसके बाद अगरबत्ती व धूप जलाकर पूजा-अर्चना की गई थी।
मामले को रफा-दफा करने में जुटी पुलिस
खास बात यह है कि पुलिस मामले को रफा-दफा करने में जुट गई है। इलाके की सुरक्षा का जिम्मा उठाए थानाध्यक्ष राजवर्धन कुमार ने बताया कि पुलिस को घटना की जानकारी नहीं है। हालांकि, बाद में उन्होंने पुलिस को घटनास्थल पर भेज कर मामले की जांच कराने की बात कही।

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