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जलजनित बीमारियों से बचने को खानपान में बरतें सावधानी, जानिए... चिकित्‍सकों की राय

यह मौसम बैक्टीरिया से लिए अनुकूल होता है। ऐसे में कई प्रकार की बीमारी इससे उत्‍पन्‍न हो रही है। चिकित्‍सकों ने इससे बचाव के लिए कई उपाय बताए हैं।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:24 PM (IST)
जलजनित बीमारियों से बचने को खानपान में बरतें सावधानी, जानिए... चिकित्‍सकों की राय
जलजनित बीमारियों से बचने को खानपान में बरतें सावधानी, जानिए... चिकित्‍सकों की राय

भागलपुर, जेएनएन। बरसात में खानपान में सावधानी बरत कर ही आप जलजनित बीमारी से बचे रह सकते हैं। यह मौसम बैक्टीरिया से लिए अनुकूल होता है। बासी खाना और गंदा पानी पीने से टायफाइड, डायरिया, पीलिया आदि रोगों का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा मच्छरों का प्रकोप बढऩे से मलेरिया और डेंगू का कहर भी शुरू हो जाता है। डायरिया बीमारी ज्यादातर बच्चों को होती है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार सिंघानिया के मुताबिक बरसात के मौसम में प्रदूषित पानी पीने से यह बीमारी होती है। पानी को दो मिनट तक उबालने और ठंडा कर पीने से पीलिया, डायरिया और टायफायड आदि से बचा जा सकता है।

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तेजी से टायफायड की चपेट में आ रहे लोग

टायफायड को आमभाषा में मियादी बुखार भी कहा जाता है। यह दूषित पानी या भोजन करने से होता है। पेट या पेट की मांसपेशी में दर्द, उल्टी, दस्त, पेट फूलना, थकान, बुखार और भूख नहीं लगना इस बीमारी के लक्षण हैं। यह बीमारी साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया से होती है। डॉ. शांतनु घोष का कहना है कि इन दिनों बुखार के 10 मरीजों में दो से तीन मरीज टायफायड के मिल रहे हैं।

डायरिया में ओआरएस का घोल दें

उल्टी होना, भूख में कमी होना, कमजोरी लगना डायरिया के लक्षण हैं। डायरिया होने पर शरीर में पानी की कमी होने लगती है। इसलिए मरीज को नमक, चीन और पानी का घोल या ओआरएस पिलाएं। डायरिया से पीडि़त मरीजों को नसों में खिंचाव, कमजोरी और बुखार भी होता है।

पीलिया से बचने के लिए बासी खाना न खाएं

भूख कम लगना, उल्टी होना, पेशाब पीला होना, आंख में पीलापन पीलिया के लक्षण हैं। इससे बचने के लिए होटल एवं फुटपाथ पर बिक रहे सामान खाने से परहेज करें। बासी खाना नहीं खाएं, ताजा बना हुआ खाना खाएं। पानी को दो मिनट उबाल लें, उसे ठंडा कर पीएं।

मच्छरदानी लगा कर सोएं

बरसात के मौसम में गड्ढों में पानी जमा हो जाता है। इसमें मच्छर पनपते हैं। मच्छर के काटने से मलेरिया और डेंगू होने की आशंका रहती है। जलजमाव नहीं हो इसका ख्याल रखने की जरूरत है। घर के आसपास साफ-सफाई रखें। रात को मच्छरदानी लगाकर सोएं।

मुख्‍य बातें

- बरसात में टायफाइड, डायरिया, पीलिया आदि बीमारी होने की रहती है आशंका

- बढ़ जाता मच्छरों का प्रकोप, कहर बरपाती है मलेरिया और डेंगू

जिले में बीमारियों की स्थिति

05 हजार से ज्यादा लोग हर साल टायफायड की चपेट में आते हैं।

800 से अधिक लोग हर वर्ष पीलिया से पीडि़त होते हैं।

28 लोग 2019 में मलेरिया की चपेट में आए थे

192 लोगों को पिछले वर्ष डेंगू हुआ था


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