स्वाइन फ्लू : सूअरों में फैला संक्रमण, लगातार हो रही मौत, 330 पहुंचा आंकड़ा Bhagalpur News
Swine flu भागलपुर में पिछले एक सप्ताह में सूअर की मौतें हो रही है। अभी तक सिर्फ शहर में सूअर मर रहे थे लेकिन अब सुल्तानगंज में भी मौत होने लगी।
भागलपुर, जेएनएन। नगर निगम क्षेत्र में क्लासिक स्वाइन फीवर के संक्रमण से सूअरों की मौत के बाद अब सुल्तानगंज को भी चपेट में ले लिया है। गुरुवार को यह आंकड़ा 298 से बढ़कर 330 के करीब पहुंच गया है। भागलपुर शहर के इशाकचक में एक, सुरखीकल व मायागंज मोहल्ले में छह सूअरों की मौत हुई है। शहर के बाद इसका संक्रमण सुल्तानगंज तक फैल गया है। यहां 25 सूअरों की मौत हुई है।
इशाकचक की पार्षद कुमारी कल्पना ने निगम की टीम से मृत सूअर के शव को दफन करवा दिया गया है। वहीं सुरखीकल के पार्षद प्रीति देवी ने बताया कि मायागंज के स्वास्थ्य विभाग की जमीन पर शवों का दफन नहीं किया गया है। इसे गड्ढे में रखा गया है।
सुल्तानगंज में भय का माहौल
सुल्तानगंज में 25 सूअरों की मौत होने से लोग डरे-सहमे हैं। पहले से ही कोरोना को लेकर भय व्याप्त है। हालांकि पशुपालन विभाग ने आश्वस्त किया है कि सूअरों में इस संक्रमण से इंसानों में खतरा नहीं है। गुरुवार की सुबह गोपाल रोड, विषहरी स्थान से गंगा घाट जाने वाले रास्ते में सूअरों का शव पड़ा हुआ था। दुर्गंध के कारण आवागमन में परेशानी हो रही है। पशु पालक प्रमोद मलिक व कैलाश मलिक ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 20 सूअर व बायपास के किनारे पांच सूअरों की मौत हो गई है।
विधायक ने लिया जायजा, बचाव का कार्य निर्देश
विधायक अजीत शर्मा ने वार्ड नंबर 26 के सरखीकल व मायागंज का जायजा लिया। बीमारी से मर रहे सूअर पालकों से मिला। विधायक ने कहा, नगर निगम सफाई व्यवस्था में अब तक नाकाम रही है। इस बाबत नगर आयुक्त को निर्देश दिया है कि वह इस मामले को गंभीरता से लें। इसके साथ सफाई व रसायन के छिड़काव की व्यवस्था करें। विधायक ने कहा कि अगर निगम के पास व्यवस्था नहीं है तो अपने निजी कोष से ब्लीचिंग एवं चुना का छिड़काव कराने की व्यवस्था कर रहे हैं। सूअर पालकों के रोजगार पर इसका प्रतिकूल असर पड़ रहा है। कोरोना वायरस से तत्काल कोई खतरा नहीं है। लोगों को इससे आतंकित होने के बजाय एहतियात बरतने की जरूरत है। इस मोके पर पार्षद संजय सिन्हा भी मौजूद थे।
सुल्तानगंज में एक सप्ताह में 25 सूअरों की मौत से दहशत
सुल्तानगंज इलाके में पिछले एक सप्ताह के अंदर 25 सूअरों की मौत होने से लोग डरे सहमे हैं। पशुपालन विभाग के पदाधिकारी का कहना है कि सूअर प्रजाति में एक नया रोग हुआ है जिसका नाम स्वाइन फीवर है। इस कारण इस तरह की घटनाएं देखने को मिल रही हैं। गुरुवार की सुबह गोपाल रोड विषहरी स्थान से गंगा घाट जाने वाले रास्ते के नीचे एक सूअर मरा पड़ा था। तेज दुर्गंध के कारण आने-जाने वाले लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। गंगा किनारे नई सीढ़ी घाट के रहने वाले पशु पालक प्रमोद मलिक और कैलाश मलिक ने बताया कि पिछले एक सप्ताह में 20 सूअर मर गया है। शहर के बायपास किनारे रहने वाले विशुन मलिक ने बताया कि मेरे पास कुल 15 सूअर थे, जिसमें पांच सूअरों की मौत हो गई है। सभी सूअरों को फीवर और शरीर में घाव हो रहा है। इस बीमारी की रोकथाम के लिए न तो पशुपालन विभाग की ओर से कोई ध्यान दिया जा रहा है और न ही नगर परिषद के द्वारा ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया जा रहा है। गंगा घाट के चारों ओर सूअरों का जमावड़ा रहता है फिर भी गंगा घाट के इर्द-गिर्द ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव नहीं किया जा रहा है।
सूअर के मरने से लोगों को संक्रमण का खतरा
स्वाइन फ्लू गंदगी की वजह से होता है। डॉ. शांतनु घोष ने कहा कि मुख्य रुप से जानवरों से मानव में फैलता है। इसके लिए सफाई रखनी आवश्यक है। स्वाइन फ्लू के लक्षण कोरोना वायरस से लगभग मिलते-जुलते हैं। अंतर इतना है कि कोराना वायरस के मरीज को हल्की सर्दी होती है। और स्वाइन फ्लू के मरीज को ज्यादा सर्दी होने पर नाक से पानी बहने लगता है। शरीर में तेज दर्द और बुखार होता है। ऐसे मरीज को घरों में रहना चाहिए। बाहर निकलने पर स्वस्थ व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है।