पोलियो उन्मूलन अभियान : दो हजार बच्चों को नहीं मिली 'दो बूंद जिंदगी की', जानिए क्या है मामला Bhagalpur News
कार्यक्रम के पहले दिन ही बाखरपुर सब डिपो की 10 टीमों द्वारा पोलियो अभियान का बहिष्कार किया गया। बताया गया कि सुपरवाइजर को पिछले अभियान का मानदेय अब तक नहीं दिया गया है।
भागलपुर, जेएनएन। पीरपैंती प्रखंड के बाखरपुर दियारा के तकरीबन दो हजार बच्चों को नहीं मिली 'दो बूंद जिंदगी की'। दरअसल यहां के सुपरवाइजरों ने पोलियो अभियान का बहिष्कार किया है। इसके कारण यहां के बच्चे पोलियो खुराक लेने से वंचित हो गए। सुपरवाइजर ने आरोप लगाया है कि गत अभियान के मानदेय का अब तक भुगतान नहीं किया गया है।
पोलियो उन्मूलन अभियान की शुरुआत की गई। कार्यक्रम के पहले दिन ही बाखरपुर सब डिपो की 10 टीमों द्वारा पोलियो अभियान का बहिष्कार किया गया। बताया गया कि सुपरवाइजर को पिछले अभियान का मानदेय अब तक नहीं दिया गया है। एक सुपरवाइजर के जिम्मे तीन टीमें रहती हैं, जो बच्चों को पोलियो की वैक्सिन घर-घर जाकर बच्चों को पिलाते हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार चौधरी ने कहा कि डेढ़ हजार से दो हजार बच्चे पोलियो की वैक्सिन पीने से वंचित रह गए।
उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर को मानदेय भुगतान करने की जानकारी प्रखंड द्वारा दी गई है, लेकिन सुपरवाइजर का कहना है कि उन्हें भुगतान नहीं मिला है। इस बाबत सिविल सर्जन को जानकारी दे दी गई है।