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सुंदरवन को चाहिए 23.95 एकड़ भूमि, 36 करोड़ होंगे खर्च; जानिए... क्या है इसका उपयोग Bhagalpur News

वन प्रमंडल पदाधिकारी मुंगेर ने नौ अगस्त 1980 को वन संरक्षण कार्यालय आवास और नर्सरी के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजकर 29.38 एकड़ जमीन मांगी थी। जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 03:13 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 03:33 PM (IST)
सुंदरवन को चाहिए 23.95 एकड़ भूमि,  36 करोड़ होंगे खर्च; जानिए... क्या है इसका उपयोग Bhagalpur News
सुंदरवन को चाहिए 23.95 एकड़ भूमि, 36 करोड़ होंगे खर्च; जानिए... क्या है इसका उपयोग Bhagalpur News

भागलपुर, जेएनएन। सुंदरवन के विकास के लिए 23.95 एकड़ जमीन की जरूरत है। इसके लिए भू-अर्जन विभाग ने वन एवं पर्यावरण विभाग से 36 करोड़ रुपये की मांग की है। विभाग से राशि आने के बाद पंचाट बनेगा। इसके बाद जमीन की अधिघोषणा होगी। डीएम प्रणव कुमार की अध्यक्षता में छह सदस्यीय टीम के निरीक्षण के बाद भू-अर्जन विभाग ने राशि मांगी है।

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वन प्रमंडल पदाधिकारी मुंगेर ने नौ अगस्त 1980 को वन संरक्षण कार्यालय, आवास और नर्सरी के लिए जिला प्रशासन को पत्र भेजकर 29.38 एकड़ जमीन मांगी थी। उसी के आलोक में जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई। जिला प्रशासन ने 20 अगस्त 1981 को 23.66 एकड़ जमीन वन विभाग को सौंप दी। फाइनल सर्वे के बाद जमीन का रकवा 23.95 एकड़ हो गया। जिला भू-अर्जन कार्यालय के अनुसार पूर्व में मुआवजा की राशि कोलकाता स्थित जमीन मालिक को भेजी गई थी। जमीन मालिक ने मुआवजा की राशि लेने से इन्कार कर दिया।

पूर्व में भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में सुंदरवन की जमीन, पेड़, मकान आदि का आकलन कर मुआवजा की राशि की मांग की गई थी, लेकिन वन विभाग द्वारा राशि नहीं मिली। मामला हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट पहुंचा। सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा भुगतान के नियमों का पालन करते हुए राशि देने का निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के आलोक में पूर्व में निर्धारित मुआवजा की राशि का ब्याज सहित आकलन किया गया है। वन एवं पर्यावरण विभाग से राशि मिलने के बाद भू-अर्जन के प्रावधानों के अनुसार मुआवजा का भुगतान किया जाएगा।


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