खुले नल में टोटी लगा छह वर्षो से जल बचत में लगे है सुजीत
सुजीत अब जल बचत के लिए बच्चों को भी प्रेरित कर रहे हैं। वे निजी और सरकारी स्कूलों में खुले टोटी से बहते जल के पास बच्चों को एकत्रित कर वे नौनिहालों को बताते हैं कि जल ही जीवन है।
भागलपुर [अमरेन्द्र कुमार तिवारी]। बीते छह वर्षो से खुले नल में टोटी लगाकर जल बचत में लगे हैं सबौर छोटी हाट निवासी सुजीत झा। खुली टोली से लगातार पानी बहते नल पर सुजीत की नजर पड़ जाए तो उन्हें चैन नहीं मिलता है। वे प्लास्टिक की ही सही उसमें जैसे भी हो जहां से हो तुरंत टोटी लगाने का काम करते हैं। यह उनके जिंदगी में शुमार हो गया है। वे खुले नल में टोटी लगाने वक्त आसपास के दो-चार लोगों को जमा भी कर लेते हैं और उन्हें पानी का मोल भी बताते हैं। वे लोगों को कहते हैं जल ही जीवन है इसे कतई बर्बाद नहीं होने देना चाहिए। इसे बचाकर रखना हम सब की जिम्मेदारी है। अब तक करीब दो हजार टोटी में वे खुद अपने पैसे से नल लगाने का काम कर चुके हैं।
नौनिहालों को पढ़ा रहे हैं जल बचत का पाठ
सामाजिक सरोकार से गहरा नाता रखने वाले सुजीत अब जल बचत के लिए बच्चों को भी प्रेरित कर रहे हैं। वे निजी और सरकारी स्कूलों में खुले टोटी से बहते जल के पास बच्चों को एकत्रित कर वे नौनिहालों को बताते हैं कि जल ही जीवन है। इसीलिए समझे पानी का मोल। इसके बिना इस धरती पर हम मानव क्या किसी भी सजीव प्राणी की कल्पना नहीं की जा सकती है। पास पड़ोस के अलावा कहीं भी सुजीत को जल का दोहन करने वाले मिल जाएं वे उन्हें पहले समझाने का प्रयास करते हैं।
नहीं समझने की स्थिति में वे उनसे उलझ भी जाते हैं। कानूनी कार्रवाई तक की धमकी तक दे देते हैं। जिनकी टंकी भर जाने के बाद भी उसके टोटी से लगातार पानी गिरते रहता है, चुपके से सुजीत ऐसे लोगों को खिलाफ स्थानीय प्रशासन को जल की बर्बादी करने का आरोप लगा शिकायत तक कर देते हैं। जल बचत के पुनीत कार्य को सुजीत ने अपनी नियमित दिनचर्या में शामिल कर लिया है। इस कार्य के लिए वे अपने घर-परिवार, संगे-संबंधियों एवं बच्चों को प्रेरित करते रहते हैं।