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पत्‍नी नेहा ने कुछ इस तरह दिया साथ कि सुदामा ने पास कर ली बीपीएससी की परीक्षा, प्रथम प्रयास में 84वीं रैंक

Success Story बिहार लोकसेवा आयोग के जारी परिणाम में सुदामा ठाकुर ने बेहतर परिणाम प्राप्‍त किया है। उन्‍होंंने प्रथम प्रयास में ही 84वीं रैंक हासिल किया। इस सफलता को श्रेय सुदामा अपने पिता और बड़े भाई को देते हैं। उनकी पत्‍नी ने भी उन्‍होंने काफी सहयोग किया है।

By Dilip Kumar ShuklaEdited By: Published: Thu, 30 Dec 2021 12:52 AM (IST)Updated: Thu, 30 Dec 2021 12:52 AM (IST)
पत्‍नी नेहा ने कुछ इस तरह दिया साथ कि सुदामा ने पास कर ली बीपीएससी की परीक्षा, प्रथम प्रयास में 84वीं रैंक
सुदामा ठाकुर और उनकी पत्‍नी नेहा ।

आनलाइन डेस्‍क, भागलपुर। बिहार लोकसेवा आयोग द्वारा जारी किए गए बिहार कृषि सेवा कोटि वन के अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, उपपरियोजना निदेशक, आत्‍मा सहायक निदेशक पदों पर नियुक्ति के लिए फाइनल परिणाम जारी कर‍ दिया गया है। इसमें भागलपुर के खरीक प्रखंड के खैरपुर गांव के सुदामा ठाकुर ने जिले में इतिहास रच दिया है। उन्‍होंने पहले ही प्रयास में बीपीएससी में 84वीं रैंक हासिल की है।

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सुदामा ने बताया कि उनकी षष्‍ठ से 10वीं तक की शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय नगरपाड़ा भागलपुर से हुई। उन्‍होंने जवाहर नवोदय विद्यालय मधेपुरा 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। बाद में उन्‍होंने कृषि से बीएससी किया, तमिलनाडु कृषि विश्‍वविद्यालय में 2009-13 बैच के छात्र रहे। इसके बाद उन्‍होंने आईसीएआर- नार्म, हैदराबाद से एग्री बिजनेस से एमबीए किया। वर्तमान में वह पूरे मध्‍यप्रदेश के लिए पी.आई. इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड कम्पनी में जोनल मार्केटिंग मैनेजर के तौर पर जबलपुर में कार्य कर रहे हैं।

बीपीएससी में 84वीं रैंक मिलने का श्रेय सुदामा अपने बड़े भाई शंभू साह, पिता नरेश मोहन साह और मां रुक्मिणी देवी को देते हैं। इस उपलब्धि पर उनके गांव और आसपास के क्षेत्र में उल्‍लास का माहौल है। शिक्षक, ग्रामीण, स्‍वजन और मित्रों ने सुदामा को लगातार फोन कर बधाई दी है। अभी वे मध्‍यप्रदेश के जबलपुर में हैं।

भाई और पिता ने किया सहयोग

पिता नरेश मोहन साह ने कहा कि मैं अपने बेटे की इस सफलता पर बहुत खुश हूं। शुरू से ही इसमें मुझे काफी प्रतिभा दिखती थी। बड़े भाई शंभू साह ने कहा कि सुदामा ने सभी को गौरवान्वित कर दिया है। मां रुक्मिणी देवी भी काफी खुश हैं। सुदामा की भाभी जयश्री और बहन रूबी ने कहा पढ़ाई के प्रति एकाग्रता और लक्ष्‍य पर दृष्टि ने उन्‍हें यह सफलता दिलायी। उनकी पत्‍नी नेहा कहती हैं कि नौकरी और प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के बीच उन्‍होंने बखूबी सामंजस्‍य बैठाया। पत्‍नी ने उनका काफी साथ दिया। आज उनका पूरा परिवार खुश हैं। सभी ने उम्‍मीद जताई है कि सुदामा बेहतर कार्य कर देश का नाम रोशन करेंगे। 

यहां बता दें कि नवोदय विद्यालय में नामांकन के पूर्व सुदामा अपने गांव के सरकारी विद्यालय में पढ़ते थे। इसी दौरान नवोदय में प्रवेश के लिए परीक्षा दी। वे सफल हुए और उन्‍होंने वहां वर्ष षष्‍ठ में नामांकन लिया। सुदामा की शादी दो साल पूर्व मुंगेर में हुई है। सुदामा की सफलता में उनके ससुराल वाले भी काफी खुश हैं। उन्‍होंने बिहार को गौरवान्वित किया है। 


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