Success Story: पिता की पंचर की दुकान, संघर्ष से हार न मान BPSC पास कर BDO बने हदीद खान
Success Story- पंक्चर बनाने वाला का बेटा बीडीओ बना है। नाम- हदीद खान। पता- जिला जमुई प्रखंड-सिकंदरा गांव-पोहे। बीपीएससी में रैंक- 80। प्राथमिक शिक्षा- गांव का सरकारी स्कूल। उच्च शिक्षा- सरकारी कालेज। अब- संघर्ष ने दिलाई सफलता। पढ़ें हदीद खान के बारे में...
Success Story, संवाद सूत्र, जमुई : होनहार बिरवान के होत चिकने पात... इस मुहावरे को चरितार्थ करते हैं जमुई के सिकंदरा प्रखंड के हदीद खान। जो न तो किसी बड़े प्राइवेट स्कूल से पढ़े हैं और न ही कभी गांव के बाहर किसी कोचिंग ट्यूशन में गए। गांव के सरकारी स्कूल और फिर सरकारी कालेज से उच्च शिक्षा पूरी करने वाले हदीद खान ने 66वीं बीपीएससी की परीक्षा पास कर ली है। 80वीं रैंक लाने वाले हदीद खान अब बीडीओ बनेंगे। संघर्ष और सफलता की कहानी में सबसे गौर करने वाला जो है वो उनका फैमिली बैकग्राउंड। हदीद के फुटपाथ पर पंचर बनाते हैं।
सिकंदरा के पोहे गांव निवासी समीम खान के पुत्र हदीद खान ने कड़ी मेहनत व दृढ़ इच्छाशक्ति के बलबूते बीपीएससी की 66वीं संयुक्त परीक्षा में सफलता हासिल कर पूरे जिले को गौरवान्वित कर दिया। बीपीएससी की परीक्षा में 80वीं रैंक हासिल करने वाले हदीद खान की सफलता इस मायने में भी खास मानी जाती है कि उन्होंने बचपन से लेकर उच्च शिक्षा तक की पूरी पढ़ाई घर पर रह कर सरकारी स्कूल से की है। बेहद ही गरीब परिवार से आने वाले हदीद खान के पिता समीम खान सिंकदरा के जमुई रोड स्थित भगत पेट्रोल पंप के आगे फुटपाथ पर टायर का पंक्चर बनाते हैं।
घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद हदीद ने अपने लगन और कड़ी मेहनत के बल पर इतिहास रचने में सफलता हासिल की। पोहे गांव स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय से आठवीं तक पढ़ाई करने के उपरांत हदीद ने सिकन्दरा स्थित +2 श्री कृष्ण विद्यालय से 2014 में 70% अंक के साथ मैट्रिक की परीक्षा पास की. वहीं 2016 में +2 श्री कृष्ण विद्यालय से ही 74% अंक के साथ उन्होंने इंटर की परीक्षा में स्कूल टॉप किया। घर पर रहते हुए ही हदीद ने मगध विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
इस दौरान आर्थिक समस्याओं को देखते हुए बीपीएससी की तैयारी करते हुए हदीद ने सिकन्दरा में ही दसवीं तक के बच्चों को ट्यूशन पढ़ना शुरू कर दिया।2019 में स्नातक की डिग्री हासिल करने के उपरांत हदीद बेहतर तैयारी की उम्मीद लिए पटना चला गया। लेकिन कोरोना महामारी ने एक बार फिर से हदीद को घर वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। हालांकि कोरोना की स्थिति सामान्य होने के बाद वह पिछले एक-डेढ़ वर्षों से पटना में रह कर तैयारी करता रहा। आखिरकार हदीद की कड़ी मेहनत ने रंग दिखाया और बुधवार की रात बीपीएससी के द्वारा घोषित परिणाम में 80वां रैंक हासिल करते हुए अपने पहले ही प्रयास में बीडीओ के पद पर चयनित हुआ। हदीद की इस सफलता पर परिवार के साथ ही पूरा गांव व समाज गौरवान्वित है।