ग्रामीणों को डराने लगा सुरसर नदी का पानी, धारा गांव की ओर मुड़ने से बढ़ी चिंता
मानसून के दस्तक के साथ ही सुखासन पंचायत का बभनगामा महेश गांव के लोगों की चिंता बढ़ने लगी है। सुरसर नदी की धारा बदलने से हर वर्ष की तरह इस साल में ग्रामीणों भयभीत होने लगे हैं।
रजनीश सिंह, मधेपुरा। मानसून के दस्तक देने के साथ ही नदियों का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। इस कारण ग्रामीण भयभीत हो रहे हैं। सुखासन पंचायत का बभनगामा महेश गांव सुरसर नदी के किनारे बसा हुआ है। नदी की धारा बदल जाने से यहां के ग्रामीणों को प्रत्येक वर्ष बाढ़ का सामना करना पड़ता है।
हर साल आती है बाढ़
बभनगामा महेश के ग्रामीण मानसून आते ही सहम जाते हैं। सुरसर नदी में बारिश के साथ ही पानी बढऩे लगता है। नदी हर साल काफी जमीन-मकान लील जाती है। ग्रामीण बताते हैं कि नदी की धारा गांव की ओर मुड़ गई है। अगर प्रशासन इस समस्या का समाधान करवा दे तो ग्रामीणों को आसानी होगी।
जिला प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं ग्रामीण
बभनगामा महेश गांव के लोगों ने बताया कि इस गांव में करीब 150 परिवार रहते हैं। बुजुर्ग ग्रामीण राजाराम यादव व रूपेश कुमार यादव ने बताया कि पिछले कई वर्षों से ग्रामीण बाढ़ के हालात से जूझ रहे हैं। ङ्क्षपटू कुमार ने बताया कई इसके समाधान के लिए प्रखंड स्तर से लेकर जिला स्तर तक गुहार लगाई गई है।
समस्या दूर करने की कोशिश
ग्वालपाड़ा अंचलाधिकारी रविश कुमार ने बताया कि बभनगामा महेश गांव के समीप सुरसर नदी की धारा बदलने बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। नदी की धारा को मोडऩे को लेकर ग्रामीणों ने अवगत कराया है। इससे उच्चधिकारी को अवगत कराया गया है। इस समस्या को दूर करने की कोशिश जारी है।
हर वर्ष होती है परेशानी
ग्वालपाड़ा के सुखासन पंचायत की मुखिया रूबी कुमारी ने बताया कि पंचायत के बभनगामा महेश गांव में सुरसर नदी के धारा बदलने के कारण प्रति वर्ष बाढ़ से लोगों को जूझना पड़ता है। फसल की क्षति होने के साथ ही पूरे गांव में लोगों के घरों में पानी प्रवेश कर जाता है। इस समस्या को लेकर कई बार प्रखंड और जिला प्रशासन के अधिकारी को अवगत कराया जा चुका है।