कैसे संबरेगा नौनिहालों का भविष्य, जानिए... जिले के एक स्कूल का हाल Bhagalpur News
भवन के अभाव में प्राथमिक विद्यालय मिरहट्टी मध्य विद्यालय में चल रहा है। भवन निर्माण के लिए एनओसी मिल चुकी है लेकिन राशि नहीं मिली है।
भागलपुर [जेएनएन]। सुल्तानगंज प्रखंड क्षेत्र के मध्य विद्यालय मिरहट्टी में 15 सौ से अधिक छात्र जर्जर भवन में पठन-पाठन करने के लिए मजबूर हैं। विद्यालय की छत क्षतिग्रस्त हो चुकी है। बावजूद इसके जर्जर छत के नीचे बैठकर बच्चे पढ़ाई करने को विवश हैं। विद्यालय भवन के पांच से अधिक कमरे क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
विद्यालय के प्राचार्य दयानंद दास ने बताया कि इसको लेकर वरीय अधिकारियों को अवगत करा चुका हूं लेकिन, अब तक इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई है। डरे सहमे बच्चे कक्षा में पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। विद्यालय में एक चापाकल है वह भी खराब हो चुका है। विद्यालय के प्राचार्य ने बताया कि 8 कमरों में अभी कक्षाएं संचालित हो रही हैं। बारह सौ से अधिक छात्र यहां नामांकित हैं लेकिन, उस अनुपात में शिक्षक नहीं हैं। विद्यालय में महज 8 शिक्षक हैं, जिसके कारण बच्चों को पढ़ाने में परेशानी होती है। शिक्षकों के छुट्टी पर चले जाने से कक्षाएं नियमित संचालित कर पाना मुश्किल हो जाता है। एक कमरे में दो से तीन कक्षाएं संचालित करने की मजबूरी है। विभागीय अधिकारियों को बार-बार इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया गया है लेकिन, कोई पहल नहीं की जा रही है।
प्राथमिक विद्यालय से बच्चे गायब, गहरी नींद ले रही थी प्राचार्य
दूसरी ओर इसी मध्य विद्यालय की दूसरी छोर पर प्राथमिक विद्यालय मिरहट्टी यादव टोला भी संचालित हो रहा है। जहां बच्चों की बहुत कमी है। जब दैनिक जागरण की टीम वहां पहुंची तो बच्चे खेल रहे थे। स्कूल में पदस्थापित चार शिक्षकों में से तीन ही उपस्थित थे। वहीं विद्यालय की प्राचार्य अमृतांशु पेड़ की छांव में नींद ले रही थीं। बाद में प्राचार्य की नींद खुली और जागरण टीम ने उनसे पूछा तो उन्होंने बीमारी का हवाला देकर सोने की बात कही। विद्यालय में बच्चे बहुत कम थे। प्राचार्य ने बताया कि कक्षा एक में 13, दूसरी में 14, तीसरी में 12, चौथी में 13 और पांचवीं में महज पंद्रह छात्र ही उपस्थित हैं। बताते चलें की भवन के अभाव में प्राथमिक विद्यालय मिरहट्टी मध्य विद्यालय में चल रहा है। भवन निर्माण के लिए एनओसी मिल चुकी है लेकिन राशि नहीं मिली है।