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TMBU: छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रही हॉस्टल में रहने की अनुमति, परीक्षा के लिए ढूंढऩा होगा नया ठिकाना

29 सितंबर से परीक्षा होगी लेकिन अब तक हॉस्टल खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। भागलपुर विवि में दूसरे जिलो के भी छात्र पढ़ते हैं। बाढ़ और कोरोना संक्रमण के कारण इन लोगों को हर दिन यहां पर आने में परेशानी हो सकती है।

By Dilip ShuklaEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 05:27 PM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 05:27 PM (IST)
TMBU:  छात्र-छात्राओं को नहीं मिल रही हॉस्टल में रहने की अनुमति, परीक्षा के लिए ढूंढऩा होगा नया ठिकाना
तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का मुख्य प्रशासनिक भ्‍वन

भागलपुर, जेएनएन। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) में पीजी सेमेस्टर दो की परीक्षा तिथि जारी हो गई है। 29 सितंबर से परीक्षा होगी, लेकिन अब तक हॉस्टल खोलने को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस लेकर शुक्रवार को कई छात्र-छात्राएं डीएसडब्ल्यू डॉ. राम प्रवेश सिंह से मिलने पहुंचीं। उन्होंने अपनी समस्या बताते हुए कहा कि हॉस्टल में रहने की अनुमति नहीं मिलने से वे तैयारी नहीं कर पा रहे हैं। डीएसडब्ल्यू ने छात्रों को आश्वासन दिया है कि वे इस मामले में कुलपति से बात करेंगे। उनके निर्देश के बाद इस पर विचार करेंगे।

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परीक्षा देने में छात्रों को होगी परेशानी

टीएमबीयू में पीजी सेमेस्टर दो की परीक्षा तिथि जारी हो गई है। 29 सितंबर से परीक्षा होगी। ऐसे में छात्रों ने हॉस्टल में रहने की अनुमति मांगी थी। भागलपुर विवि में दूसरे जिलो के भी छात्र पढ़ते हैं। बाढ़ और कोरोना संक्रमण के कारण इन लोगों को हर दिन यहां पर आने में परेशानी हो सकती है। साथ ही कोरोना संक्रमण के कारण किराये पर मकान मिलने में भी परेशानी हो रही है।

तीन साल बाद कब्जा मुक्त होगा पीजी गल्र्स हॉस्टल का कैंटीन

भागलपुर। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के पीजी गल्र्स हॉस्टल को तीन साल बाद अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाएगा। इसके लिए टीएमबीयू के अनुरोध पर जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेट और फोर्स की नियुक्ति की है। इस संबंध में शुक्रवार को जिला प्रशासन का पत्र टीएमबीयू को मिला। शनिवार को मजिस्ट्रेट और विश्वविद्यालय अधिकारियों की निगरानी में पुलिस कैंटीन खाली कराएगी।

बता दें कि जिस व्यक्ति को कैंटीन चलाने के लिए दिया गया था, उसका करार तीन साल पहले ही खत्म हो चुका है। विश्वविद्यालय ने अपने स्तर से कैंटीन खाली कराने का प्रयास किया, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिली। प्रॉक्टर डॉ. रामसेवक सिंह ने बताया कि कैंटीन को कब्जामुक्त कराने के लिए उन्होंने जिला प्रशासन से मदद मांगी थी।  


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