छात्रों ने बनाया एक ऐसा रोबोट जिसे नहीं है ऑपरेटर की जरूरत, खासियत अनेक
इस आर्म की खासियत है कि एक बार प्रोग्रामिंग (निर्देश) कर देने के बाद यह खुद से काम करने लगता है। इसे चलाते रहने के लिए किसी ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होती।
भागलपुर [अमरेंद्र कुमार तिवारी]। कारखानों में माल ढुलाई का काम अब और आसान हो जाएगा। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र आकर्षण सौरभ ने इसके लिए सेमी ऑटोनोमस रोबोटिक आर्म बनाया है। इस आर्म की खासियत है कि एक बार प्रोग्रामिंग (निर्देश) कर देने के बाद यह खुद से काम करने लगता है। इसे चलाते रहने के लिए किसी ऑपरेटर की आवश्यकता नहीं होती। वास्तविक रोबोटिक आर्म से दस गुणा कम कीमत होने के कारण उद्योग जगत के लिए यह काफी उपयोगी साबित होगा।
इस समय कारखानों में सामान एक जगह से दूसरी जगह करने के लिए वास्तविक रोबोटिक आर्म का इस्तेमाल हो रहा है। इसकी कीमत 15 से 17 लाख रुपये तक पड़ती है। आकर्षण द्वारा विकसित आर्म महज 15 से 25 हजार रुपये में उपलब्ध हो जाएगा। इस तरह यह आविष्कार जहां कारखानों में कामकाज की गति को रफ्तार देगा, वहीं छोटे-छोटे उद्यमियों तक भी इस तकनीक की पहुंच आसान हो जाएगी।
आकर्षण मैकेनिकल इंजीनियरिंग में द्वितीय वर्ष के छात्र हैं। इनका दावा है कि रोबोटिक आर्म वास्तविक औद्योगिक आर्म को टक्कर दे सकता है। अभी तक शोध से प्राप्त फलाफल में मोशन और मूवमेंट का तरीका काफी हद तक एक समान है। मैकेनिकल ब्रांच होने के कारण इसमें सिर्फ कोडिंग और मोशन पर काम किया है। आगे वास्तविक औद्योगिक आर्म को टक्कर देने वाला आर्म बनाने की योजना है। इसके लिए इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और कंप्यूटर साइंस के अन्य छात्रों का सहयोग लेंगे। उसमें कंप्यूटर विजन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का समावेश कर एक उत्कृष्ट रोबोटिक आर्म बनाएंगे जो अब तक के रोबोटिक आर्म से सस्ता और बेहतर होगा।
आकर्षण ने अपने रोबोटिक आर्म का एक वीडियो भी बनाकर इसे यू-ट्यूब पर भी शेयर किया है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अचिन्त्य ने छात्र के वीडियो को लाइक कर उसके प्रयास की प्रशंसा की है। मैकेनिकल ब्रांच के शिक्षकों ने भी आकर्षक की मेधा को सराहा है।
मुख्य बातें
- महज 15 से 25 हजार रुपये में उपलब्ध हो जाएगा सेमी ऑटोनोमस रोबोटिक आर्म
- कारखानों में सामान एक जगह से दूसरी जगह लेने जाने में होगी आसानी
- एक बार निर्देश देने के बाद नहीं पड़ेगी ऑपरेटर की जरूरत