SBI मुख्य शाखा के गेट पर बैंककर्मियों का हल्ला-बोल, केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी Bhagalpur News
बैंकों के विलय के विरोध में 11 मार्च से तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लिया गया है। इसके बाद भी सरकार विलय वापस नहीं लेती है तो एक अप्रैल से बैंक कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे।
भागलपुर, जेएनएन। वेतन समझौता में हो रहे अप्रत्याशित और गैरवाजिब विलंब के खिलाफ बैंककर्मियों में खासकर युवा बैंककर्मियों में आक्रोश गहराता जा रहा है। 31 जनवरी और 1 फरवरी को बैंककर्मियों ने दो दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल की थी, 11 मार्च से तीन दिनों की हड़ताल प्रस्तावित है ।
इस बीच बैंककर्मी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं । भारतीय स्टेट बैंक मुख्य शाखा सह आंचलिक कार्यालय के सामने आज एक बार पुनः बैंककर्मियों ने प्रदर्शन किया जिसमें स्टेट बैंक समेत शहर के विभिन्न बैंकों के अधिकारी कर्मचारी बड़ी संख्या में शामिल हुए । बैंककर्मियों ने अपनी मांगों के समर्थन में नारेबाजी की, भारतीय बैंक संघ के खिलाफ भी नारे लगाए। आईबॉक के जिला सचिव प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि श्रम आयुक्त ने वेतन समझौता में उदासीनता दिखाने के कारण भारतीय बैंक संघ को फटकार लगाई है और बैंककर्मियों के वेतन समझौता पर ठोस कदम उठाने को कहा है।
स्टेट बैंक अधिकारी संघ के आंचलिक सचिव अरुण कुमार सिंह ने सदस्यों को अपनी लड़ाई और संघर्ष में पूरी निष्ठा से आगे आने को कहा। बैंक आफ इंडिया के रवि कुमार, गुंजेश कुमार, इलाहाबाद बैंक के मुकेश भगत आदि ने जोरदार नारेबाजी से माहौल को आक्रामक बना दिया। स्टेट बैंक अधिकारी संघ के पूर्व सचिव अशोक झा बैंक पेंशनरों के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए ।300 के आसपास बैंककर्मियों की उपस्थिति यह बता रही थी कि आने वाले दिनों में यदि बैंककर्मियों की मांग नहीं मानी गई तो देश भर में एक बार फिर बैंकिंग सेवाएं बाधित रहेंगी।