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सृजन में हुए नुकसान की भरपाई को 'लोकपाल' को ठोकेगा दावा

भागलपुर में सृजन घोटाले में करीब 1900 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। सृजन संस्था की आंतरिक ऑडिट में नुकसान की राशि बढ़ने की जानकारी मिली है। सीबीआइ 1600 करोड़ की ही अवैध निकासी की जांच कर रही है। सृजन घोटाले में सरकारी विभागों की ही राशि बैंकों के माध्यम से अवैध निकासी कर ली गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 09:10 AM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 09:10 AM (IST)
सृजन में हुए नुकसान की भरपाई को 'लोकपाल' को ठोकेगा दावा
सृजन में हुए नुकसान की भरपाई को 'लोकपाल' को ठोकेगा दावा

भागलपुर [राम प्रकाश गुप्ता]

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भागलपुर में सृजन घोटाले में करीब 1900 करोड़ की अवैध निकासी हुई थी। सृजन संस्था की आंतरिक ऑडिट में नुकसान की राशि बढ़ने की जानकारी मिली है। सीबीआइ 1600 करोड़ की ही अवैध निकासी की जांच कर रही है। सृजन घोटाले में सरकारी विभागों की ही राशि बैंकों के माध्यम से अवैध निकासी कर ली गई है। घोटाला उजागर हुए करीब एक साल बीत गया है। अब तक किसी भी विभागों को राशि वापसी की दिशा में बैंक के स्तर से ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। इसलिए नुकसान की भरपाई के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के 'लोकपाल' को पत्र लिखकर राशि की वापसी की मांग की जाएगी। घोटाला उजागर होने के बाद कल्याण विभाग ने आरबीआइ को पत्र लिखा था, जिसके जवाब में यह लिखा गया था कि जांच कराई जा रही है। कल्याण भी अगले सप्ताह लोकपाल के समक्ष दावा ठोकने की तैयारी कर रहा है। सृजन घोटाले में नजारत और जिला भू अर्जन विभाग की बड़ी राशि की अवैध निकासी कर ली गई थी। इसके अलावा जिला परिषद्, डीआरडीए, डूडा, स्वास्थ्य, को-ऑपरेटिव बैंक सहित प्रखंडों की बैंकों में जमा राशि भी गलत तरीके से निकाल ली गई थी। अवैध निकासी में तीन बैंकों बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का नाम प्रमुखता से आया था। विभाग और जिला प्रशासन की ओर से संबंधित बैंकों के स्थानीय प्रबंधन और मुख्यालय को भी पत्र लिखा जा चुका है। लेकिन किसी भी स्तर पर राशि की वापसी की दिशा में फलाफल शून्य है। सिर्फ स्वास्थ्य विभाग ने 40 लाख की राशि की वापसी के लिए बैंक ऑफ बड़ौदा पर नीलाम पत्र वाद दायर किया है। जिसकी सुनवाई अभी तक पूरी नहीं हुई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि सबौर स्थित सृजन संस्था को उपकृत करने के लिए ही बैंकों ने सरकारी राशि की अवैध निकासी की थी। सहकारिता विभाग की ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार करीब 1900 करोड़ की राशि बैंकों के माध्यम से सृजन संस्था को ट्रांसफर हुई थी। सूत्र बताते हैं कि राशि की वसूली के लिए विभाग या प्रशासन एक ग्राहक के रुप में लोकपाल के समक्ष दावा करेगा। आरबीआइ के क्षेत्रीय कार्यालय में पत्र भेजा जाएगा। सृजन घोटाले में जिला स्तरीय विभागों के अलावा जगदीशपुर, कहलगांव, पीरपैंती, सन्हौला, शाहकुंड, बिहपुर, सबौर प्रखंडों के खाते में जमा योजनाओं की राशि चली गई थी। घोटाला उजागर होने के बाद महालेखाकार और वित्त विभाग की टीम ने भी जांच और ऑडिट किया है। ऑडिट रिपोर्ट में घोटाले की राशि में कुछ अंतर आया था, जिसका मिलान किया गया है।


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